भारत पुनः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य निर्वाचित-न्यूयॉर्क

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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न्यूयॉर्क – भारत के लिये वर्ष 2021 की शुरुआत कई मायने में बेहद खास साबित हुई है। नये साल के पहले दिन से भारत आठ साल बाद आठवी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बन चुका है। भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिये एशिया-प्रशांत श्रेणी से गैर-स्थायी सीट के लिये एकमात्र उम्मीदवार था।भारत पहली बार 1950 में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और आखिरी बार वर्ष 2011 में चुना गया था। इससे पहले भारत को 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और हाल ही में 2011-2012 में सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना जा चुका है। दस गैर-स्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं जिसमें अफ्रीकी और एशियाई देशों के लिये 05; पूर्वी यूरोपीय देशों के लिये 01; लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों के लिये 02 ,पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिये 02 सीट निर्धारित की गई है।

भारत के लिये अहम मुद्दे
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भारत की अस्थायी सदस्यता के कारण सीमा पार आतंकवाद , आतंकवाद को फंडिंग , मनी लॉन्ड्रिंग , कश्मीर जैसे मुद्दों पर भारत की स्थिति मजबूत होगी। परिषद में भारत नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको के अलावा पांँच स्थायी सदस्यों चीन , फ्रांँस , रूस , ब्रिटेन और अमेरिका सहित अस्थायी सदस्यों एस्तोनिया , नाइजर , सेंट विंसेंट , ट्यूनीशिया और वियतनाम के साथ बैठेगा। भारत अगस्त 2021 में 15 देशों वाली शक्तिशाली परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभायेगा। हर सदस्य देश बारी-बारी से एक माह के लिये परिषद की अध्यक्षता करता है।

क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ?
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद , संयुक्त राष्ट्र संघ के 06 प्रमुख हिस्सों में से एक है। इसका मुख्य कार्य दुनियाँ भर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नये सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। यह परिषद दुनियाँ भर के देशो में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनियाँ के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिये उसे लागू भी करता है। संयुक्त सुरक्षा परिषद ही संयुक्त राष्ट्र का सबसे अहम अंग है जो कि पूरे विश्व में शक्ति संतुलन बना कर रखता है। इस सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश शामिल हैं जिनमें से पांँच देशों को स्थायी सदस्य्ता प्राप्त है. इन देशों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन हैं। इसके अतिरिक्त दस अन्य देशों को सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता प्राप्त है और इन्हीं देशों के साथ अब भारत भी सुरक्षा परिषद का हिस्सा बना है। सुरक्षा परिषद में भारत की मौजूदगी दुनियाँ में वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा को मजबूत करेगी।

Ravi sharma

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