प्रधानमंत्री ने रखी लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – आज नई ऊर्जा, नये संकल्पों के साथ और नये संकल्पों को सिद्ध करने के लिये तेज़ गति से आगे बढ़ने का शुभारंभ है। आज गरीबों के लिये , मध्यम वर्ग के लिये , घर बनाने के लिये नई टेक्नॉलाजी मिल रही है।लाइट हाउस प्रोजेक्ट अब देश के काम करने के तौर-तरीकों का उत्तम उदाहरण है। हमें इसके पीछे बड़े विजन को भी समझना होगा। एक समय आवास योजनायें केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थी, जितनी होनी चाहिये। सरकार घर निर्माण की बारिकियों और क्वालिटी में नहीं जाती थी।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह राज्यों मेंछह स्थानों पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने के अवसर पर कही। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बहुत ही कम समय में लाखों घर बना कर दिये जा चुके हैं, लाखों घरों का निर्माण जारी भी है। मुझे संतोष है कि बीते 06 वर्षों में जो कदम उठाये गये हैं उसनें एक सामान्य आदमी का, खासकर मेहनतकश मध्यमवर्गीय परिवार का यह भरोसा लौटाया है कि उसका भी अपना घर हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिये आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जायेगी। ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेंगे। इसमें कंस्ट्रक्शन का समय कम होगा और गरीबों के लिये ज्यादा कम्फ़र्टेबल घर तैयार होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये साल के पहले दिन एक जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वैश्विक आवास निर्माण प्रौद्योगिकी प्रतियोगिता-भारत (जीएचटीसी-इंडिया) के तहत  06 राज्यों में छह स्थानों पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। नये साल में यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यक्रम रहा। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा। इस प्रोजेक्ट में नई तकनीकी और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जायेगा , इस तकनीकी के जरिये एक साल के अंदर भवन का निर्माण संभव है। इसके माध्यम से विश्व स्तर पर टिकाऊ , पर्यावरण अनुकूल और आपदारोधी नवीन निर्माण प्रौद्योगिकियों को भारत में मुख्य धारा में लाने में मदद मिलेगी। नई तकनीक के प्रयोग के कारण निर्माण कार्य करीब एक साल में पूरा हो सकेगा।
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार छह शहरों- इंदौर, चेन्नई, रांची, अगरतला, लखनऊ और राजकोट में 1000-1000 से अधिक मकानों का निर्माण करेगी। इस कार्यक्रम में आवासीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल थे। केन्‍द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2017 को जीएचटीसी-इंडिया के तहत ‘लाइट हाउसद्ध परियोजनाओं के निर्माण हेतु पूरे देश में छह स्‍थानों का चयन करने के लिये राज्‍यों व केन्‍द्रशासित प्रदेशों के लिये एक चुनौती की शुरूआत की थी। मंत्रालय ने इस चुनौती में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिये सभी राज्‍यों व केन्‍द्रशासित प्रदेशों को प्रोत्‍साहित किया था तथा निर्धारित मानदंडों के अनुसार सबसे अधिक अंक अर्जित करने वाले छह राज्‍यों व केन्‍द्रशासित प्रदेशों को ‘लाइट हाउस परियोजनायें” प्रदान करने की घोषणा की थी। इन प्रदेशों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-शहरी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार इन परियोजनाओं के निर्माण के लिये केन्‍द्रीय सहायता उपलब्‍ध करायी गयी। इसके अलावा नयी प्रौद्योगिकी के उपयोग और अर्थव्‍यवस्‍थाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने और अन्‍य संबंधित कारकों के कारण होने वाले किसी अतिरिक्‍त लागत के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) का भी प्रावधान किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत भूकंपरोधी मकान बनेंगे और काफी सस्ते भी होंगे।

क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट ?
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लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुये टिकाऊ आवास प्रदान किये जाते हैं। एलएचपी प्रोजेक्ट के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिये मकान बनाये जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में त्रिपुरा , झारखंड , उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश , गुजरात और तमिलनाडु शामिल है। जिसके तहत केन्द्र सरकार अगरतला , राँची ,लखनऊ , इंदौर , राजकोट , चेन्नई में 1000 – 1000 से अधिक मकानों का निर्माण करेगी। यह प्रोजेक्ट देश में पहली बार निर्माण के क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर नये जमाने की वैकल्पिक वैश्विक प्रौद्योगिकी , सामाग्रियों और प्रक्रियाओं का बेहतर प्रदर्शन कर रही है। इनका निर्माण जीएसटीसी-इंडिया के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत गरीबों को मात्र पौने पांँच लाख रुपये में 415 वर्गफीट एरिया का फ्लैट अगले साल सौंपा जायेगा। इसकी कीमत 12 लाख 59 हजार होगी , इसमें केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से 07 लाख 83 हजार रुपये अनुदान के रूप में दिये जायेंगे. बाकी धनराशि 04 लाख 76 हजार ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थी को देने होंगे।फ्लैट का आवंटन प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अनुसार किया जायेगा और डूडा के माध्यम से डीएम की अध्यक्षता में खुली लॉटरी करायी जायेगी।

Ravi sharma

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