मनीष तिवारी कि रिपोर्ट
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पटना–देश में लोकसभा चुनाव का महापर्व चल रहा है। ऐसे में कई दिग्गजों कि प्रतिष्ठा दांव पर है। आपको बता दें कि उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में आगामी 13 मई को मतदान होना है। उम्मीदवार और उनके समर्थक,कार्यकर्ता लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।उजियारपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार सांसद रहे निवर्तमान गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को इस बार महागठबंधन के उम्मीदवार आलोक कुमार मेहता से कांटे की टक्कर मिल रही है।देश के राजनीतिक पटल पर भले ही नित्यानंद राय ने खुद को स्थापित किया हो मगर उनके क्षेत्र में विशेषकर पातेपुर विधानसभा क्षेत्र में जगह-जगह नित्यानंद राय से पिछले 10 वर्षों का हिसाब मांगा जा रहा है। यहां के लोगों का कहना है कि 2019 से 24 तक भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री रहते हुए भी उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का जो विकास होना चाहिए,वह कहीं नहीं दिख रहा है।आखिर कब तक ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा,राममंदिर और भारत-पाकिस्तान दिखा कर लोगों से वोट लेते रहेंगे। कुछ अपना काम करके भी अपना चेहरा जनता के बीच पेश कीजिए।मतदाताओं में नेताओं के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है,जिस कारण नेता बेचैन दिख रहे हैं। पक्ष या विपक्ष के नेताओ को मतदाता खरी खोटी सुनाने से बाज नहीं आ रहे है। इंडी महागठबंधन के उम्मीदवार आलोक कुमार मेहता जनता से आशीर्वाद मांग कर आगे क्षेत्र का भविष्य संभालने का वादा कर रहे हैं, तो वही नित्यानंद राय अधूरे कार्य को पूरा करने का भरोसा दिला रहे हैं। उजियारपुर की जनता इस बार आलोक मेहता के वादा पर विश्वास करती है या फिर नित्यानंद राय के भरोसा पर,यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा।