कोरोना की दहशत में दो महिलाओं ने की खुदकुशी-बिलासपुर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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बिलासपुर — कोरोना की दहशत से न्यायधानी में एक परिवार की दो महिलाओं ने खुदकुशी की कोशिश की। यही नहीं बल्कि उन्होंने अपने पालतू कुत्ते को भी जहर दे दिया। हालांकि इस घटना में एक महिला की मौत हो गई, जबकि दूसरी सिम्स अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। घटनास्थल से दो सुसाइड नोट मिले हैं , पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार छग की न्यायधानी बिलासपुर के सरकंडा स्थित सोनगंगा कॉलोनी में किराये के मकान में रहने वाली दो महिलायें जिसमें सकून वर्मा (60 वर्ष) पति हरिश्चन्द्र वर्मा व उनकी बेटी श्वेता वर्मा ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। इस घटना में जहांँ सकून वर्मा की मौत हो गई, वहीं श्वेता वर्मा को गंभीर हालत में सिम्स में भर्ती कराया गया है।सोनगंगा कॉलोनी में सकून वर्मा अपनी बेटी श्वेता के साथ रहती थी। उनके पति जो एसईसीएल में काम करते थे , उनकी दो साल पूर्व मौत हो चुकी है। पेंशन से उनका घर चलता था , इनका एक बेटा सचिन कहीं बाहर काम करता है। घटना की सूचना मिलते ही सरकंडा पुलिस एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुंँची। जांँच में सकुन व श्वेता के कमरे के भीतर से चूहा मारने वाला रोटेल नाम का पेस्ट का रेपर मिला , कमरे में स्टील का कप था जिसमें चूहामार घुला था। पास दो अलग-अलग पन्नों में सुसाइट नोट लिखे पड़े थे , दोनों को ही श्वेता ने लिखा था। पहले पत्र में श्वेता ने लिखा है कि जीभ में किसी तरह का स्वाद महसूस ना होना, गले में खराश बने रहना तथा अत्यधिक मात्रा में चक्कर आना , स्वास्थ्य संबंधी अपनी इन्हीं समस्याओं से हम जिंदगी से पूरी तरह निराश और हताश हो चुके हैं। अत: हम कीटनाशक का सेवन कर अपनी जीवनलीला को समाप्त कर रहे हैं, इसके लिये हम स्वयं जिम्मेदार हैं। इसके लिए किसी को भी दोषी न ठहराया जाए। यदि हम इस कीटनाशक दवा के सेवन से नहीं मरते हैं तब भी हमें बचाने का प्रयास न किया जाये , क्योंकि हमारी जीने की इच्छा शक्ति खत्म हो चुकी है। हम अपने डॉगी को भी जहर देकर उसकी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं, क्योंकि वह भी कई महीनों से स्वास्थ्य खराबी से जूझ रहा है। अत: हमारे बाद उसकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं होगा। हमारे मकान मालिक संजय चक्रवर्ती हैं , जिनके साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं किन्तु हमारे इस तरह से उठाये हुये कदम से उन्हें कुछ परेशानी हो सकती है, क्योंकि उन्हें अपना मकान जल्दी से जल्दी तैयार करवाना है। अत: हमारा विनम्र निवेदन हैं कि उन्हें किसी तरह से परेशान ना किया जाये। वे पूरी तरह से निर्दोष हैं। हमारे घर के सामान को लावारिस सामान समझ लिया जाये। हमारे शव के लिये किसी भी रिश्तेदार या दावेदार को मत खोजियेगा बल्कि हमारे शव को लावारिस समझ के जो भी कार्रवाई होती होगी , करवा दीजियेगा। निवेदन है कि हमारे मकान मालिक संजय चक्रवर्ती को किसी तरह से परेशान न किया जाये। वे पूरी तरह से निर्दोष हैं। इसी तरह दूसरे पत्र में उन्होंने मकान मालिक के नाम लिखा है कि आपके मकान में अपनों की तरह रहें , आप जैसे मकान मालिक सभी को दें , संजय चक्रवर्ती साहब, आपके मकान में शिफ्ट करने से पहले हमने आपको 04/02/2014 को 8,000 रुपये एडवांश दिये थे, आप अभी दिसंबर 2020 का मकान का किराया 6,000 रुपये-उसी में से काट लीजियेगा। दिसंबर 2020+जनवरी2021 के बिजली पानी के बिल का भुगतान, हमने कर दिया है एवं बिल भी आपको सौंप दिया है। बचे हुये 2,000-रुपये को आप जनवरी 2021 के 10 दिनों का किराया समझ लीजियेगा। आपके मकान में अपनों की तरह रहे और आपने जो अपनापन दिया , उसका बहुत-बहुत धन्यवाद। जाने अनजाने में यदि हमसे कोई गलती हुई हो या हमने आपका दिल दुखाया हो, उसके लिये हम बारंबार क्षमा प्रार्थी हैं। ईश्वर आप जैसे सभ्य, सहनशील, समझदार एवं सुलझे-विचारों के मकान मालिक सभी को दें।

Ravi sharma

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