मानसिक स्वास्थ्य में कार्यरत प्रोफेशनल्स को नये सिरे से कार्य करने के लिए जागरूकता सह उन्मुखता कार्यक्रम आयोजित-पटना

पटना-आज मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न एक्स्पर्ट,इस क्षेत्र में प्रशिक्षु भावी उम्मीदवारों व विद्यार्थियों को लेकर एक नेशनल स्तर पर वेबिनार का आयोजन किया गया.कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था कि वर्तमान समय में देश-दुनिया में तेजी से हो रहे परिवर्तन का असर लोगों के मेंटल हेल्थ पर पङ रहा है.मनोरोग विशेषज्ञों व इस एरिया में कार्यरत अन्य प्रोफेशनल की भारी कमी का खामियजा आबादी पर हो रहा है.इसके लिए विशेषज्ञों को नये सिरे से उनके कौशल को बढाया जाये.इस को ध्यान में रखते हुए मनोवैज्ञानिक डॉ॰ मनोज कुमार के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.इस वर्चुअल प्रोग्राम में अतिथियों का स्वागत राँची की रेकी एक्सपर्ट सुश्री ईशा कुन्दू ने किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ॰ अमरदीप कुमार,मनोचिकित्सक( असि. प्रो. सह विभागाध्यक्ष,पावापुरी मेडिकल कॉलेज,नालंदा ) एवं पटना स्थित अमितायुष सेंटर फौर एक्सिलेंस इन न्यूरोसाइकिट्री एंड मेंटल हेल्थ ने बताया कि वर्तमान समय में मानसिक रोग तेजी से पांव पसार रहा है.इस क्षेत्र में नित्य नयी-नयी चुनितौयां उभर रही है.आबादी के हिसाब से प्रोफेशनल्स की भारी कमी है जिससे समय पर रोगियों को ईलाज नही मिल पाता.उन्होनें अपने व्याख्यान में इस बात पर जोर दिया की साइकियाट्रिस्ट और साइकोलॉजिस्ट को कंधे से कंधे मिलाकर काम करना चाहिए.वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मनोवैज्ञानिकों की महत्ता दिन-दुनी बढती ही जा रही है.खासतौर से वैसे प्रशिक्षित मनोविज्ञानियों की आवश्यकता आ पङी है जो मानसिक स्वास्थ्य में पीङीतों के प्रति सेवा भाव के साथ उन्हें मदद पहुँचाने का माद्धा रखते हो.ट्रेंड साइकोलॉजिस्ट अपने अनुभवों को हमेशा रोगियों के उत्थान पर बल देते हैं.अपने अभिभाषण में डॉ॰ अमरदीप ने जोर दिया की साइकोडायगनोस्टिक की तुलना में मनोवैज्ञानिकों को साइकोथेरेपी पर जोर देना चाहिए.इसके लिए कम से कम साल भर का इंटर्नशिप पर उन्होंने जोर दिया.

इस अवसर पर मनोवैज्ञानिक डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा देश भर से आये प्रश्नों को रखा गया जिनके जवाब डॉ॰ अमरदीप ने दिये.
डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा छात्रों को बताया गया की इस क्षेत्र में अत्यधिक श्रम की आवश्यकता होती है. यहाँ सफलता के लिए मानव सेवा का भाव रखने व उन्हें मदद पहुँचाने का जज्बा इस क्षेत्र में बुलंदियों पर पहुँचाता है. नये लोगों को जमीन से जुङकर यथार्थ प्रेक्षण गुण को बढाना चाहिए. मानसिक स्वास्थ्य में काम करने के लिए खुद को भी बुलंद रखना आवश्यक होता है इसलिए मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेशनल को परिवार व समाज से अवश्य जुङे रहने चाहिए.सोसायटी में मेंटल हेल्थ के प्रति जनसरोकार से जुड़े मुद्दे के लिए एक मनोवैज्ञानिक को हमेशा जागरूकता लाने के लिए संघर्षरत रहना चाहिए.
इस अवसर मनोचिकित्सा विभाग रिनपास,कांके(राँची) के विभागाध्यक्ष डॉ॰ सौरव चौधरी ने भी अपने अनुभव साझा किए.
कार्यक्रम में देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया व करीब 30 लोगों द्वारा विभिन्न माध्यम से सवाल पुछे गये.इस अवसर पर अन्य माध्यमों से डिजिटल रूप में देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी व प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा कार्यक्रम को देखा गया और सराहना की गयी.

Ravi sharma

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