सनातन धर्म पर पुरी शंकराचार्य संगठन ने आयोजित की क्विज प्रतियोगिता-जगन्नाथपुरी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

जगन्नाथपुरी — पूर्वाम्नाय गोवर्घनमठ अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानंद सरस्वतीजी जी महाराज के सतहत्तरवें प्राकट्य दिवस के शुभ अवसर पर पूर्व दिवसों में सनातन धर्म विषय पर एक अंर्तराष्ट्रीय ऑनलाईन क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य था सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करना तथा श्री गोवर्धनमठ पुरी एवं शंकराचार्य परम्परा के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करना था। इस प्रतियोगिता में काशी हिन्दू विश्व परिषद बनारस सहित देश विदेश के 480 प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। प्रसन्नता की बात है कि इस सनातन धर्म संबंधी प्रतियोगिता में प्रत्येक क्षेत्र से संबंधित व्यक्ति जैसे प्राध्यापक , अभियंता , स्कूल शिक्षक,संपादक ,छात्र — छात्राएं , भाषाविद, प्राचार्य , गूगल ऑफ़िसर, गृहिणियां ,शोधकर्ता , बैंक पदाधिकारी , आइ टी प्रोफेशनल,एयर फ़ोर्स पदाधिकारी, चिकित्सा के छात्र, पुरातत्त्ववेत्ता, आयकर अधिकारी ,सी ए, डाक्टर आदि ने भाग लिया । विभिन्न प्रांत जैसे बिहार, झारखंड, दिल्ली,मध्यप्रदेश ,उत्तरप्रदेश,आन्ध्रप्रदेश ,जम्मूकश्मीर,राजस्थान,हरियाणा,हिमाचलप्रदेश , कर्नाटक, गोवा, तेलंगाना, छतीसगढ, गुजरात, तमिलनाडु,केरल,पॉन्डिचेरी आसाम ,नागालैंड,ओडिशा एवं विदेशों जैसे अमेरिका से भी प्रतिभागियों ने ऑनलाइन इस प्रतियोगिता में अपना निबंधन करवाया तथा क्विज़ में भाग लेकर सर्टिफ़िकेट प्राप्त किया। इस ऑनलाइन प्रतियोगिता को धर्मसंघ पीठ परिषद, आदित्यवाहिनी और आनन्दवाहिनी के तत्त्वावधान में श्री गोवर्धनमठ से अनवरत चलाया जायेगा। अधिक से अधिक लोगों को श्री गोवर्धनमठ से जोड़ने का यह अद्भुत प्रकल्प है। पुरी शंकराचार्य संगठन द्वारा अगले क्विज़ को गुरु पूर्णिमा के दिन अर्थात 05 जुलाई 2020 को प्रारंभ किया जायेगा उसमें भी प्रतिभागियों की संख्या काफ़ी बढ़ने की आशा है। आनन्दवाहिनी की राष्ट्रीय अध्यक्षा डा इन्दिरा झा एवं प्रो० कृष्णानन्द मिश्र के प्रयास से यह अभियान चलाया जा रहा है। श्री किशन, मुकेश तथा गोपाल का क्विज़ को डिज़ाइन करने में बहुत सहयोग प्राप्त हुआ है। दिनांक 05 जुलाई से प्रारंभ होने वाले क्विज़ प्रतियोगिता में प्रयास है कि श्री गोवर्धनमठ एवं पुरीपीठाधीश्वर शंकराचार्य महाभाग के व्यक्तित्व एवं कृतित्व संबंधित अधिक से अधिक जानकारी दी जा सके।

Ravi sharma

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