वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति से वित्तीय सशक्तिकरण में सहायता – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – अब लोगों को एक किफायती और विश्वसनीय भुगतान प्रणाली उपलब्ध कराने के लिये वित्त प्रौद्योगिकी पहल को वित्त प्रौद्योगिकी क्रांति में तब्दील करने की आवश्यकता है। एक क्रांति जो देश के हर एक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण को प्राप्त करने में मदद करती है। फिनटेक की व्यापक पहुंच के साथ ऐसे विचार हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। फिनटेक उद्योग ने एक व्यापक स्तर हासिल किया है और इस स्तर का मतलब ऐसे उपभोक्ताओं का होना है जो जीवन के सभी क्षेत्रों से आते हैं। जनता में वित्तीय प्रौद्योगिकी की स्वीकार्यता की एक अनोखी विशेषता है और वह विशेषता विश्वास है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वित्तीय प्रौद्योगिकी पर इन्फिनिटी – फोरम का उद्घाटन करने के बाद कही। फोरम का मकसद दुनियां भर की बिजनेस और टेक्नोलॉजी की प्रतिभाओं को एक मंच पर लाना है। “इन्फिनिटी मंच” हितधारकों को पारंपरिक मानसिकता से परे सोचने और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी , हरित प्रौद्योगिकी , कृषि प्रौद्योगिकी , क्वांटम कंप्यूटिंग और अन्य से जुड़े नये रुझानों पर चर्चा करने के लिये प्रेरित करेगा। इस मंच के पहले संस्करण में इंडोनेशिया , दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन भागीदार देश हैं। यह मंच नीति , व्यापार और प्रौद्योगिकी में दुनियां के अग्रणी लोगों को एक साथ लायेगा। इस फोरम में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे समावेशी वृद्धि और बड़े पैमाने पर मानवता की सेवा के लिये फिनटेक उद्योग द्वारा प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जा सकता है। पीएम मोदी ने भारत में डिजिटल क्रांति का उल्लेख करते हुये कहा कि पिछले सात वर्षों में भारत ने 430 मिलियन जन धन खाते दर्ज किये हैं जो दिखाते हैं कि हम कितनी मेहनत करते हैं और बदलते समय के साथ नई तकनीकों को अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ , वैसे-वैसे हमारे लेन-देन का तरीके में भी परिवर्तन आया। वस्तु विनिमय प्रणाली से धातुओं तक , सिक्कों से लेकर नोटों तक , चेक से लेकर कार्ड तक ,आज हम बहुत आगे आकर यहां तक पहुंच गये हैं। पिछले साल भारत में मोबाइल भुगतान से लेकर एटीएम नकद निकासी जैसी उपलब्धियां हासिल की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मोबाइल भुगतान में वृद्धि की सराहना करते हुये कहा कि पिछले साल भारत में मोबाइल भुगतान ने पहली बार एटीएम नकद निकासी को पार कर लिया। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से डिजिटल बैंक , बिना किसी भौतिक शाखा के आज एक वास्तविकता है। यह एक दशक से भी कम समय में आम बात हो सकती है। भारत ने दुनियां को साबित कर दिया है कि जब तकनीक अपनाने या नवाचार की बात आती है तो भारत किसी से पीछे नहीं है। गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी के विषय में पीएम मोदी ने कहा कि गिफ्ट सिटी केवल एक आधार नहीं है , यह भारत का प्रतिनिधित्व करता है। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों , मांग , जनसांख्यिकी और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है , गिफ्ट सिटी वैश्विक फिनटेक दुनियां का प्रवेश द्वार है।


गौरतलब है कि इनफिनिटी फोरम का आयोजन भारत सरकार के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण कर रहा है। गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी और ब्लूमबर्ग आयोजन में सहयोग कर रहे हैं। इस बार इन्फिनिटी फोरम का एजेंडा “बियान्ड” विषय पर केन्द्रित है , दो दिन के इस आयोजन में 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं। इस फोरम के मुख्य वक्ताओं में मलेशिया के वित्तमंत्री तेंगकू ज़फरुल-अज़ीज , इंडोनेशिया की वित्तमंत्री मुल्यानी इंद्रावती , रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी , कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ उदय कोटक , सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प के अध्यक्ष एवं सीईओ मासायोशी सून , भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के सीईओ सुभाष गर्ग और आईबीएम कॉरपोरेशन के अध्यक्ष अरविंद कृष्ण सहित कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी) का मुख्यालय गिफ्ट-सिटी , गांधीनगर – गुजरात में स्थित है। इसकी स्थापना अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई थी। यह संस्था भारत में वित्तीय उत्पादों , वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के नियमन तथा विकास के लिये एक एकीकृत प्राधिकार के रूप में काम करती है। इस समय गिफ्ट-आईएफएससी भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है।

Ravi sharma

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