लौट के ना आऊंगी – अभिनेत्री दिव्या भारती पर विशेष

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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मुम्बई — हिंदी फिल्मी दुनियां के इतिहास में पांच अप्रैल का दिन एक ऐसी हस्ती की मौत से जुड़ा है जिसने अपने छोटे से करियर में ही लोकप्रियता के तमाम मुकाम हासिल कर लिये थे। अभिनेत्री दिव्या भारती मात्र 19 साल की थीं जब अपने फ्लैट की खिड़की से फिसल कर गिरने से उनकी रहस्यमयी मौत हो गई थी। वह हादसा 1993 में आज ही के दिन हुआ था। आज तक पता नहीं चल सका कि यह हादसा था या दिव्या को हत्या की कोशिश के तहत धक्का दिया गया था। उनकी मौत को बॉलीवुड आज तक भुला नहीं पाया है और प्रशंसकों के लिये उनका जाना अभी भी एक सदमे की तरह है। उनकी मौत आज भी एक रहस्य बनकर रह गया है। इनका नाम आते ही ” ऐसी दीवानगी ” और “सात समंदर” याद आता है। दिव्या फिल्मी दुनियां की वह चेहरा बनीं जिसे पर्दे पर रोता देखकर पत्थर दिल भी पिघल जाये। कहा जाता है कि अगर आज दिव्या भारती जिंदा होतीं तो हिंदी सिनेमा की सबसे सफल और लोकप्रिय अभिनेत्रियों में शुमार होतीं।
मशहूर अदाकारा दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 को मुंबई में बीमा अधिकारी ओमप्रकाश भारती और मीता भारती के घर बड़ी संतान के रूप में हुआ। मीता ओमप्रकाश भारती की दूसरी पत्नी थी। बचपन से ही चुलबुली , किसी गुड़‍िया की तरह दिखने वाली दिव्‍या को माता-पिता ने बड़े दुलार से पाला। दिव्या का शैशवकाल मुम्बई शहर में बीता , उनकी शुरुआती शिक्षा मानेकजी कापर हाईस्कूल में हुई , वे पढ़ाई में मध्यम स्तर की विद्यार्थी थीं इसलिये नवमी कक्षा में ही उन्‍होंने ऐक्‍ट‍िंग की दुनियां में कदम रखा। दिव्‍या भारती की क्‍यूनेस और दमदार ऐक्‍ट‍िंग ने हर किसी का दिल जीता। दिव्या ने 16 साल की उम्र में यानि वर्ष 1990 में तेलुगु फिल्म बोब्बिली राजा से एक्‍ट‍िंग शुरू की थी। उन्होंने वर्ष 1992 और 1993 के बीच 14 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जो हिंदी सिनेमा में एक रिकॉर्ड है। वर्ष 1992 के जनवरी में दिव्या की पहली हिंदी फिल्म विश्वात्मा रिलीज हुई। इस फिल्म की “सात समंदर पार – मैं तेरे पीछे पीछे आ गयी” गाना को लोगों ने काफी पसंद किया। इसके अगले महीने ही गोविंदा के साथ उनकी शोला और शबनम रिलीज आई। जुलाई में उन्होंने शाहरुख और ऋषि कपूर के साथ दीवाना फिल्म में काम किया। इस तरह दिव्या भारती की एक ही साल में तीन हिट फिल्में दी थी। अपनी सफलता की दौड़ में दिव्या ने लगातार दस और हिंदी फिल्में की , जिसमें शोला और शबनम , दिल का क्या कसूर , जान से प्यारा , दीवाना , दिल आसना है , गीत फिल्म भी शामिल है। दिव्या को दीवाना के लिये लक्स न्यू फेस ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला। एक ही साल में दिव्या ने अपनी अच्छी खासी पहचान बना ली थी। बालीवुड में दिव्या भारती जैसी शायद ही कोई हीरोइन रही हो जिसने केरियर के पहले साल में ही 12 सुपरहिट फिल्में बनाकर दूसरे ही साल मौत को गले लगा ली हो। उनकी मौत की खबर ने सिनेमा प्रेमियों को बहुत बड़ा झटका दिया था। दिव्या भारती जब शोला औऱ शबनम की शूटिंग कर रही थीं तब फिल्म के हीरो गोविंदा ने उन्हें निर्देशक-निर्माता साजिद नाडियाडवाला से मिलवाया था। दोनों में प्यार हुआ और शादी करने का फैसला कर लिया। दिव्या ने इस्लाम धर्म कबूलकर अपना नाम सना रख लिया और 10 मई 1992 को गुपचुप तरीके से साजिद से शादी कर ली।मुंबई पुलिस के मुताबिक दिव्या भारती की मौत एक एक्सिडेंट है। ये हादसा 05 अप्रैल 1993 को वर्सोवा, अंधेरी वेस्ट मुंबई के तुलसी अपार्टमेंट में हुआ। जहां देर रात पांचवी मंजिल के अपार्टमेंट के लिविंग रूम की खिड़की से फिसलकर दिव्या ग्राउंड फ्लोर पर गिरीं। पांचवी मंजिल से गिरने के कारण वह खून से लथपथ होकर तड़प रही थी। उन्हें नजदीकी कूपर अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उन्होंने दम तोड़ दिया। फिर 07 अप्रैल को हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार पति साजिद नाडियावाला ने किया।

सुहागन जोड़े में निकली अंतिम यात्रा

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दिव्‍या और साजिद नाडियाडवाला ने गुपचुप शादी की थी। साजिद मुसलमान हैं और दिव्‍या हिंदू थीं। दोनों जल्‍द ही दुनिया को यह खुशखबरी देने वाले थे। लेकिन उससे ठीक पहले हुए इस हादसे ने साजिद को अंदर से हिलाकर रख दिया। दिव्‍या को एक सुहागन की तरह विदा किया। दुल्‍हन के लिबास में उनकी अंतिम यात्रा निकली।

मौत के बाद रिलीज हुईं दो फिल्‍में

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पांच अप्रैल 1993 को मौत के बाद दिव्या की दो फिल्में रिलीज हुईं। कमल सदाना के साथ ‘रंग’ म्‍यूजिलक हिट रही। जबकि जैकी श्रॉफ के साथ ‘शतरंज’ कुछ खास नहीं कर पाई। बताया जाता है कि दिव्‍या ने अनिल कपूर के साथ ‘लाडला’ की शूटिंग करीब-करीब पूरी कर ली थी। लेकिन फिर बाद में उनकी जगह श्रीदेवी को कास्‍ट किया गया। दिव्‍या ‘मोहरा’, ‘विजयपथ’ और ‘आंदोलन’ जैसी फिल्‍मों के लिये भी साइन की गई थीं।

साजिद फैमिली का अहम हिस्सा है दिव्या

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दिव्या की मौत के बाद साजिद की लाइफ में वर्धा खान आई जोकि एक पत्रकार थीं। अब साजिद दो बच्चों के पिता है। लेकिन आज भी अपने घर में दिव्‍या की फोटो दीवार पर लगाए रखते हैं और अपने पर्स में दिव्या की फोटो रखते हैं। साजिद के बच्चे दिव्या को बड़ी मम्मी कहकर याद करते हैं। आज भी दिव्या उनकी फैमिली का ही हिस्सा है इस बात का जिक्र खुद एक्टर की दूसरी बीवी ने किया था…वर्धा के मुताबिक, उन्होंने कभी दिव्या की जगह लेने की कोशिश नहीं की क्योंकि उनकी अपनी एक जगह है।

अनसुलझे रहस्य छोंड़ गयी दिव्या

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दिव्या भारती तो इस दुनियां से चली गयी। देश के लाखों करोड़ों लोग उनके प्रशंसक थे। मैं भी इस जमात में शामिल हूं , इसलिये जब जब उनकी मौत की बात चलती है तो दिल मुंह को हो आता है. जिंदगी और मौत की पहेली अनसुलझी रह जाती है। वे एक ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने बेहद ही कम समय में मुकाम हासिल कर लिया था जो बड़े बड़े अभिनेता-अभिनेत्री कई सालों तक काम करने के बावजूद भी हासिल नही कर पाते। कई सालों तक तहकीकात करने के बावजूद पुलिस नजीते पर नहीं पहुंच सकी और वर्ष 1998 में ये केस बंद कर दिया गया। दिव्या अपनी मौत के साथ कई अनसुलझे रहस्य छोंड़ गयी। उनकी मौत पर आज भी तरह तरह की अटकलें लगायी जाती हैं , कोई इसे हत्या कहता है तो कोई आत्महत्या। बॉलीवुड में जब कभी किसी ऐसी अभिनेत्री का जिक्र होगा जिसने आते ही इंडस्‍ट्री में तहलका मचाया था तो दिव्‍या भारती का नाम उनमें सबसे ऊपर होंगी।

Ravi sharma

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