मुख्य सचिव ने ली बीडियो कांफ्रेंसिंग से अधिकरियों की बैठक, अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट-रायपुर-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — मुख्य सचिव आर०पी० मण्डल ने आज मंत्रालय महानदी भवन में पुलिस महानिदेशक डी०एम०अवस्थी और प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के कमिश्नर, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, खाद्य अधिकारी और वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने राज्य शासन की प्राथमिकताओं में शामिल धान खरीदी, लघु वनोपजों का संग्रहण और रोजगार सृजन, सुपोषण अभियान के संबंध में जरूरी निर्देश एवं मार्गदर्शन दिये। इस दौरान जिलों के प्रभारी सचिव और विभागीय सचिव भी उपस्थित थे।
आर.पी.मण्डल ने 21 दिसम्बर को राज्य के सभी नगरीय निकायों में शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए आम चुनाव के लिये अधिकारियों को बधाई दिया। धान खरीदी की चर्चा के दौरान मण्डल ने सीमावर्ती क्षेत्रों से लगे जिलों में धान के अवैध परिवहन की रोकथाम करने के कड़े निर्देश कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को दिये है। उन्होंने कहा है कि धान खरीदी के बाद बोरियों के व्यवस्थित छल्ले बनायें जायें , धान की बोरियों को बारिश से बचाने व्यवस्था की जाये और बारदानों को व्यवस्थित रूप से रखा जाये। उन्होंने कहा है कि पंजी में दर्ज बारदानों की संख्या, निरीक्षण के दौरान पाये गये बरदानों की संख्या और किसानों को वितरित बारदानों की संख्या में अंतर पाये जाने पर समिति प्रबंधक के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा। मध्यम और छोटे किसानों से धान की खरीदी प्राथमिकता के आधार पर की जाये। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम के द्वारा 24 लाख मिट्रिक टन उसना चांँवल की खरीदी की जायेगी। उन्होंने बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बालोद, दुर्ग, धमतरी, बलौदाबाजार, रायपुर, मुंगेली, गरियाबंद जिलों के मिलरों से उसना धान की मिलिंग के लिये चार माह का अनुबंध कराने के निर्देश दिये है। साथ ही धान की मिलिंग के लिये सीधे खरीदी केन्द्र से धान का उठाव करने के निर्देश भी दिये है। राज्य में तेन्दुपत्ता के अलावा वनों से उत्पन्न होने वाले 22 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा की जानी है। इसके लिये हाट बाजार और ग्राम स्तर के संग्रहण केन्द्र स्थापित करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिये हैं। स्थानीय स्वसहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपजों का संग्रहण और प्राथमिक प्रसंस्करण का कार्य किया जायेगा। इस प्रक्रिया से 50 हजार से अधिक ग्रामीणों को रोजगार मिल सकेगा। स्वसहायता समूह ग्रामीण क्षेत्रों में पैदा होने वाले महूआ फूल, ईमली, महूआ बीज, शाल, हर्रा, चिरौंजी, चरोटा, धवई फूल, बहेरा, लाख रंगीन, लाख कुसुमी, नागर मोथा, करंज बीज, काल मेघ, फूल बाहरी, आंवला, बायबिडिंग, बेल, जामुन बीज, शहद, केवाच, कुल्लु गोंद की खरीदी स्थानीय ग्रामीण से करेंगे। लघु वनोपजों संग्रहण का कार्य जनवरी के अंत से शुरू होना है। अतः अभियान के रूप में इस कार्य को किया जायेगा। सुपोषण अभियान की चर्चा करते हुये मण्डल ने जानकारी दी कि (एनएमडीसी) राष्ट्रीय खनिज विकास निगम ने राज्य के बस्तर संभाग में कुपोषण की रोकथाम के लिये सहयोग देने की सहमती दी है। एनएमडीसी और अक्षय पात्र इस्कॉन द्वारा बस्तर संभाग के प्रत्येक जिले में चार करोड़ 50 लाख रूपये लागत के सेन्ट्रलाईंस्ड किचन की स्थापना की जायेगी। इसके लिये आवश्यक जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश कलेक्टरों को दिये गये है। मण्डल ने सभी जिलों में पांँच वर्ष तक के कुपोषित-एनिमिक बच्चों और 49 वर्ष तक की एनिमिक महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिये स्थानीय माध्यमों और विभागीय योजनाओं के तहत गर्म भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।

Ravi sharma

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