भारत में लोकतंत्र पर अटूट विश्वास पूरे विश्व के लिये उपहार – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – भारत जैसे मजबूत लोकतंत्र ने पूरे विश्व को एक खूबस़ूरत उपहार दिया है। भारत ने दुनियां को उम्मीद का गुलदस्ता दिया है , इस उपहार में हैं लोकतंत्र पर अटूट विश्वास। भारत अभी कोरोना की नई लहर से जूझते हुये अपनी आजादी के 75 साल का जश्न भी मना रहा है। हमने कोरोना के दौरान इकोनॉमिक रिफॉर्म पर भी फोकस किया है। हमारे पास कोरोना वैक्सीनेशन में 160 करोड़ डोज लगाने का आत्मविश्वास भी है। भारत ने कॉरपोरेट टैक्स की दरों को simplify किया है और उसे कम करके दुनियां में सबसे कंपटीटीव बनाया है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई ने आज दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन के पहले दिन अपने खास संबोधन में कही। उन्होंने बेहतर भविष्य का भरोसा जाहिर करते हुये कहा कि आज भारत वर्तमान के साथ ही अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है , निर्णय ले रहा है। इस कालखंड में भारत ने हाई ग्रोथ के साथ Welfare और Wellness को हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। ग्रोथ का ये कालखंड ग्रीन भी होगा , क्लीन भी होगा , सस्टेनेबल भी होगा और रिलायबल भी होगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय युवाओं में आज Entrepreneurship एक नई ऊंचाई पर है। आज भारत दुनियां में रिकॉर्ड संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है। पचास लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवलपर्स भारत में काम कर रहे हैं। आज भारत Unicorns के मामले में दुनियां में तीसरे स्थान पर है। इनमें से 40 यूनिकॉर्न तो पिछले साल बने हैं , दस हजार से ज्यादा Startups पिछले छह महीने में रजिस्टर हुये हैं। पीएम मोदी ने भारत में आर्थिक असमानता पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि हम 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में भोजन पहुंचा रहे हैं . यह संभवत: दुनियां का इस तरह का सबसे बड़ा अभियान होगा , हमने हर किसी का ध्यान रखने का प्रयास किया। दुनियां के अर्थशास्त्रियों ने भारत के प्रयासों की तारीफ की है। पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में देश में किये गये दस बड़े बदलाव को गिनाते हुये कहा कि अब मुश्किल के दौर खत्म हो चुके हैं। उन्होंने आर्थिक सुधारों पर जोर देते हुये बताया कि लाइसेंस राज के लिये बदनाम रहा भारत अब आगे बढ़ चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि कोरोना महामारी से जीतने के लिये संयुक्त प्रयास ही एकमात्र तरीका है। उन्होंने वैक्सीन के इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन और दुनियां भर में तेजी से वैक्सीनेशन की भी बात की। जिनपिंग ने विकसित देशों से जिम्मेदार आर्थिक नीतियां अपनाने की अपील करते हुये कहा विकसित देशों को यह ध्यान में रखना चाहिये कि उनकी नीतियों से विकासशील देशों पर कोई खराब असर नहीं पड़ रहा हो. जिनपिंग ने चीन की अर्थव्यवस्था को और खुली बनाने तथा बाजार पर फोकस्ड सुधार करने का भी वादा किया। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का दावोस एजेंडा सम्मेलन पिछले पचास साल से आयोजित हो रहा है। आम तौर पर इसका आयोजन स्विट्जरलैंड के रिसॉर्ट शहर दावोस में होता है। इस बार भी दावोस में ही आयोजन होने वाला था , लेकिन कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने और दुनियां भर में नई लहर का प्रकोप फैल जाने के बाद ऑफलाइन आयोजन को टाल दिया गया। पिछले साल अगस्त में इसकी एक बैठक सिंगापुर में होने वाली थी लेकिन कोरोना के प्रकोप के चलते उसे भी रद्द करना पड़ गया था। कोरोना महामारी की नई लहर के कारण यह शिखर सम्मेलन लगातार दूसरे साल आनलाइन आयोजित हो रहा है। पंचदिवसीय यह आयोजन 17 से 21 जनवरी तक वर्चुअल मोड़ में आयोजित किया जा रहा है। पीएम मोदी के अलावा इस शिखर सम्मेलन में कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। इसमें जापान के पीएम किशिदा फुमियो , ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन , इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो , इजराइल के नफ्ताली बेनेट व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस , अमेरिकी वित्तमंत्री जेनेट एल येलेन समेत अनेक वैश्विक नेता भी प्रतिभाग करेंगे। इस कार्यक्रम की घोषणा करते हुये विश्व आर्थिक मंच की ओर से कहा गया कि दावोस एजेंडा 2022 ऐसा पहला वैश्विक मंच होगा , जहां पूरे विश्व के बड़े नेता इस साल के लिये अपने दृष्टिकोण को साझा करेंगे। बता दें कि इस कार्यक्रम का विषय ‘विश्व के हालात’ रखा गया है। इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो का संबोधन मंगलवार को होगा।

Ravi sharma

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