फलदार वृक्षारोपण से बदलेगी तस्वीर- सीएम बघेल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर — मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना से गांव और जंगलों की तस्वीरें बदलेंगी , किसानों की आय बढ़ेगी और आर्थिक समृद्धि आयेगी। इस योजना के तहत ना केवल पौधारोपण किया जायेगा बल्कि उनकी सुरक्षा भी की जायेगी।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल। कार्यक्रम में प्रदेश में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ करते हुये कही। उन्होंने आगे कहा कि मानव ने पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचाया है , इसका उदाहरण हमने लॉकडाउन के दौरान देखा। कुछ दिनों के लॉकडाउन के दौरान हमने प्रकृति का वह रुप देखा , जिसकी हम केवल कल्पना करते थे। सीएम ने कहा अभी तक वन विभाग के माध्यम से केवल इमारती पौधे लगाये जाते थे। इसकी वजह से लोग ध्यान नहीं देते थे , लेकिन अब फलदार पौधे लगने से लोग इससे जुड़ेंगे। फलादार पौधे लगाने से बारहों महीने ताजा फल मिलेंगा , इससे कुपोषण दूर करने मे भी मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि वन विभाग फलदार पौधे लगा रहा है। इस वजह से ही इस योजना में जन भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीएम बघेल ने इस वर्चुअल कार्यक्रम में दुर्ग वनमंडल के अंतर्गत दुर्ग जिले के ग्राम फुंडा (पाटन) में जैव विविधता पार्क का भूमिपूजन भी किया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न वनमंडलों के वन प्रबंधन समिति के सदस्यों तथा किसानों से वर्चुअल संवाद किया। वर्चुअल संवाद में बस्तर , बिलासपुर , बलरामपुर , कांकेर , महासमुंद तथा कवर्धा वनमंडल के अंतर्गत जनप्रतिनिधि तथा वन प्रबंधन समिति के सदस्य और कृषक शामिल हुये। सीएम बघेल ने इस दौरान ”बटरफ्लाई ट्रेजर ऑफ छत्तीसगढ़” नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर , मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी , अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू , वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ , प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हैे , यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आगामी तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसी तरह ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जायेगा तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

Ravi sharma

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