प्रधानमंत्री आज करेंगे नये संसद भवन का भूमिपूजन-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर एक बजे नई दिल्ली में नये संसद भवन का भूमिपूजन कर निर्माण कार्य की शुरूआत करेंगे। इस दौरान सरकार साम्प्रदायिक सौहार्द्र और सद्भावना की झलक पेश करने में अहम भूमिका निभा रही है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नये संसद भवन की इमारत के भूमिपूजन में अलग-अलग धर्मों के धर्मगुरु अपनी अपनी मान्यताओं के अनुसार पूजन और आधारशिला कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी करेंगे। नये संसद भवन के शिलान्यास समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और कई केंद्रीय मंत्री उपस्थित रहेंगे। इनके अलावा 200 गणमान्य लोग, सांसद, राजदूत और उच्चायुक्त भी इस समारोह में शिरकत करेंगे। नये संसद भवन के निर्माण कार्य के लिये संसद परिसर में मौजूद पांच प्रतिमाएं अस्थायी रूप से विस्थापित की जायेंगी। इनमें महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा भी शामिल हैं। हालांकि इन प्रतिमाओं को निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दोबारा अपनी जगह स्थापित कर दिया जायेगा।

धरना परंपरा होगी खत्म
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नये संसद भवन निर्माण कार्य के लिये विस्थापित होने वाली पांँच प्रतिमाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा भी शामिल है। करीब 16 फुट ऊंँची इस प्रतिमा को परिसर के अघोषित धरना स्थल का दर्जा हासिल है। संसद भवन के गेट नंबर एक के सामने स्थापित बापू की इस मूर्ति के आगे बैठकर ही सांसदों द्वारा सत्याग्रह के अंदाज में अपना विरोध जताने की परंपरा रही है। इस मूर्ति का निर्माण विख्यात शिल्पकार रामसुतार ने किया था। राज्यसभा की वेबसाइट के मुताबिक, शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से संसद भवन को तोहफे में दी गई इस मूर्ति का अनावरण 02 अक्तूबर, 1993 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा ने किया था। इस मूर्ति के विस्थापित होने पर अब यहांँ धरना देने की अघोषित परंपरा भी खत्म हो जायेगी। नया संसद भवन 65,000 वर्ग मीटर में फैला होगा, जिसमें 16921 वर्ग मीटर का इलाका अंडरग्राउंड भी होगा। नई बिल्डिंग 03 फ्लोर होंगे, जिसमें से एक ग्राउंड फ्लोर जबकि दो मंजिल उसके ऊपर होंगे। इस नये भवन में सभी सांसदों के लिये अलग-अलग कार्यालय होंगे, जो परलेस ऑफिस’ बनाने की दिशा में नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस होंगे। इस नई इमारत में एक भव्य संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को भी प्रदर्शित किया जायेगा। इसके साथ ही इसमें सांसदों के लिये एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के कक्ष, खान-पान क्षेत्र और विस्तृत वाहन पार्किंग स्थल होगा।

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड होगा कॉन्ट्रैक्टर
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इस नये संसद भवन का कान्ट्रेक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है , जिसे बनाने में करीब 850 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। यह संसद भवन को मौजूदा संसद भवन के नजदीक ही बनाया जायेगा , जिसे पूरा करने में लगभग 21 महीनों का समय लगेगा। साल 2022 तक इस नये संसद भवन के पूरा होने की उम्मीद है। इस परिसर में 1,350 सांसदों के बैठने के लिये अच्छी-खासी जगह होगी।

मौजूदा भवन ब्रिटिशकालीन
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मौजूदा संसद भवन ब्रिटिशकालीन है जो एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। वर्तमान संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और इसके निर्माण में छह वर्ष का समय लगा था , उस समय इसके निर्माण में 83 लाख रुपये की लागत आयी थी।

संसद भवन के नजदीक निर्माण
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इस भवन का उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था. गत सितंबर महीने में 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था.

Ravi sharma

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