नारी समृद्ध होने से ही समाज समृद्ध हो सकता है – पीएम

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – कोई भी देश या समाज महिला शक्ति की गरिमा को आगे बढ़ाकर और उनके लिये नये अवसर सृजित करके ही आगे बढ़ सकता है। कोई भी समाज तभी समृद्ध हो सकता है जब उसकी नारी शक्ति समृद्ध हो। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे पहले की सरकारों के लिये महिलाओं की मुश्किलें और उनका जीवन कभी प्राथमिकता नहीं रही और उन्होंने आपको आपके नसीब पर छोड़ दिया। मेरा अनुभव है कि अगर महिलाओं का थोड़ा अवसर-सहारा मिल जाये तो उन्हें सहारे की जरूरत नहीं रहती है बल्कि वे लोगों का सहारा बन जाती हैं।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित सशक्त नारी – विकसित भारत कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने सशक्त नारी विकसित भारत कार्यक्रम को लेकर कहा कि यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिहाज से बहुत ऐतिहासिक है। आज पूरा देश विभिन्न क्षेत्रों में भारत की नारी शक्ति की उपलब्धियों पर गर्व कर रहा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं के कारण एक करोड़ से अधिक महिलायें लखपति दीदियां बनकर सफलता के नये अध्याय लिख रही हैं। पीएम ने कहा कि ऐसी सफल महिला उद्यमियों के साथ बातचीत करना उन्हें देश के भविष्य को लेकर आश्वस्त
करता है। उन्होंने नारी शक्ति के दृढ़ संकल्प और दृढ़ता की सराहना करते हुये कहा कि इससे उन्हें तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की यात्रा शुरू करने का आत्मविश्वास मिला।‌ पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद कई योजनायें महिलाओं लिये लाई गईं और उनका सफलतापूर्वक शुभारंभ किया गया। उन्होंने कहा आज पहली सांस से लेकर आखिरी सांस तक मोदी कोई न कोई योजना लेकर भारत की बहन-बेटियों की सेवा में हाजिर हो जाता है। गर्भ में बेटी की हत्या न हो इसके लिये हमने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया। गर्भ की अवस्था में मां को सही पोषण मिले, इसके लिये हर गर्भवती को छह हजार रुपये की आर्थिक मदद दी। जन्म के बाद बेटी को पढ़ाई में मुश्किल ना हो, इसके लिये ज्यादा ब्याज देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की। बड़ी होकर बेटी काम करना चाहे तो आज उसके पास मुद्रा योजना का इतना बड़ा साधन है। बेटी के केरियर पर प्रभाव ना पड़े इसके लिये हमने प्रेगनेंसी लीव को भी बढ़ाकर छब्बईस हफ्ते कर दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश की महिला शक्ति इक्कीसवीं सदी के भारत की प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व कर सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में ड्रोन प्रौद्योगिकी का देश में विस्तार होगा और देश में नमो ड्रोन दीदियों के लिये असंख्य अवसर उपलब्ध होंगे। भारत में स्वयं सहायता समूहों ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नया इतिहास बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी संवेदनायें और योजनायें रोजमर्रा की जिंदगी के अनुभवों से उभरी हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की वास्तविकताओं को जीने के अनुभव ने इन संवेदनाओं और योजनाओं की जानकारी दी है , इसलिये ये योजनायें देश की माताओं और बेटियों के लिये जीवन में सुगमता लाती हैं।‌ इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उन योजनाओं के बारे में भी बात की जो नारी शक्ति से संबंधित मुद्दों को उनके जीवन के हर चरण में सुलझाने के लिये लाई जा रही हैं। पीएम ने कहा मैं आज देश की हर महिला, हर बहन, हर बेटी को ये बताना चाहता हूं जब-जब मैंने लाल किले से आपके सशक्तिकरण की बात की दुर्भाग्य से कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल, उन्होंने मेरा मजाक उड़ाया और मेरा अपमान किया लेकिन मैंने हमेशा अपने काम से उनको जवाब देने की कोशिश की। उन्होंने कहा देश की करोड़ों माताओं-बहनों को मुश्किलों से मुक्ति दिलाने की सोच हमारी सरकार की अनेक योजनाओं का आधार रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि वे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लाल किले की प्राचीर से महिलाओं के लिये शौचालय, सैनिटरी पैड, अस्वास्थ्यकर धुयें वाली रसोई, महिलाओं को दैनिक असुविधा से बचाने के लिये नल का जल, हर व्यक्ति के लिये जन धन खाता, महिलाओं के लिये अपमानजनक भाषा के खिलाफ और बेटों को नारी शक्ति के प्रति उचित व्यवहार के बारे में शिक्षित करने की जरूरत जैसे महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री ने सभी क्षेत्रों में महिलाओं की प्रगति का उल्लेख करते हुये कहा विश्वास जताया कि नारी शक्ति देश में प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करेगी। प्रधानमंत्री ने दूध और सब्जी उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने, दवा वितरण आदि क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की, जिससे ड्रोन दीदियों के लिये नये रास्ते खुलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक सशक्तिकरण के अलावा, स्वयं सहायता समूहों के सामाजिक प्रभाव की प्रशंसा करते हुये कहा कि इन समूहों ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास और ग्रामीण समुदायों के समग्र उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी और मत्स्य सखी की भूमिका और सेवाओं की सराहना की। पीएम ने कहा कि ये दीदियां देश के स्वास्थ्य से लेकर डिजिटल इंडिया तक के राष्ट्रीय अभियानों को नई गति दे रही हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान चलाने वालों में पचास प्रतिशत से अधिक महिलायें हैं और पचास प्रतिशत से अधिक लाभार्थी भी महिलायें हैं। सफलताओं की यह श्रृंखला नारी शक्ति में मेरे विश्वास को और मजबूत करती है।प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के कार्यान्वयन में बढ़-चढ़कर शामिल होने को कहा। उन्होंने कहा कि जहां भी स्वयं सहायता समूह के सदस्य पहल करेंगे, उन्हें योजना में प्राथमिकता दी जायेगी।‌इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समर्थन से सफलता हासिल करने और अन्य स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों के उत्थान लिये मददगार बन उन्हें प्रेरित करने वाली लखपति दीदीयों को सम्मानित भी किया। इन योजनाओं के जरिये अन्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को प्रोत्साहित और समर्थन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक जिले में बैंकों द्वारा लगाये गये बैंक संपर्क शिविरों के जरिये कम ब्याज दरों पर स्वयं सहायता समूहों को लगभग आठ हजार करोड़ रुपये के ऋण भी दिये।‌इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, डॉ मनसुख मंडाविया और गिरिराज सिंह उपस्थित थे।‌ इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली में नमो ड्रोन दीदियों के कृषि ड्रोन प्रदर्शन के साक्षी भी बने। देश भर में दस अलग–अलग स्थानों से नमो ड्रोन दीदियों ने भी एक साथ ड्रोन प्रदर्शन में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान 1,000 नमो ड्रोन दीदियों को ड्रोन भी सौंपे , इस दौरान उन्होंने ‘नमो ड्रोन दीदियों’ की ओर से कृषि क्षेत्र में किये गये ड्रोन के उपयोग का प्रदर्शन देखा और लाभार्थियों से बातचीत भी की। कार्यक्रम में देश भर के अलग-अलग राज्यों से नमो ड्रोन दीदीयां शामिल हुईं। अपने संबोधन के दौरान महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर बात करते हुये पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पांच कामों का जिक्र कर पांच बार कहा कि ऐसा करने वाला मैं देश का पहले प्रधानमंत्री हूं।‌ पीएम मोदी ने कहा – मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने शौचालय की बात की। मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने सैनिटरी नैपकिन की जरुरत पर बात की। मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने बहनों को लकड़ी के धुंयें से होने वाली परेशानी पर बात की।‌ मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने नल से जल की बात की और मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने महिला सशक्तिकरण की बात की। उल्लेखनीय है कि नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी पहल, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का अभिन्न अंग हैं। यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिये पहल की गई है। यह योजना महिलाओं को आधुनिकता के साथ एग्रीकल्चर में अपना योगदान देने के लिये शुरू किया गया है‌ और इसके लिये सरकार नि:शुल्क प्रशिक्षण भी दे रही है।

Ravi sharma

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