नीरव मोदी की भारत वापसी पर लगा ब्रेक-लंदन

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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लंदन – भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के बाद फरार हुये हीरा व्यापारी नीरव मोदी को लंदन के हाईकोर्ट में कुछ राहत मिली है। कोर्ट ने मोदी को भारत प्रत्यर्पित किये जाने के मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की इजाजत दी है। मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश में मोदी के खिलाफ फर्जीवाड़े और मनी लॉन्डरिंग के आरोपों की सुनवाई भारतीय अदालतों में करने के लिये प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी। इसके बाद मोदी की कानूनी टीम ने हाई कोर्ट में उसकी मानसिक सेहत का हवाला देते हुये कोर्ट में अपील की थी। इसके जवाब में फैसला सुनाते हुये जस्टिस मार्टिन शैंबरलेन ने माना कि ‘गंभीर अवसाद’ और ‘सूइसाइड के भारी खतरे’ की दलीलें ठोस हैं। उन्होंने कहा कि उनके सामने यह सवाल है कि मोदी की अपील सुनी जा सकती है या नहीं और मेरे हिसाब से सुनी जा सकती है , इसलिएयेअपील करने की इजाजत दी गई है। हालांकि, उन्होंने सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर अपील की इजाजत दी है और बाकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया है। अब लंदन के हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। कोविड-19 से जुड़े नियमों के चलते कोर्ट की कार्यवाही वर्चुअली हो रही है। मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले पर देश की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भी मुहर लगा दी थी और तब से मोदी कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहा था। इससे पहले फरवरी में कोर्ट ने उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने की बात मान ली थी और उसकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह भी माना था कि नीरव मोदी ने सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने की साजिश रची। जमानत को लेकर नीरव मोदी के कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज कर दिये गये थे क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम रहा।

Ravi sharma

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