अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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कानपुर – ‘मैंचेस्टर ऑफ द ईस्ट’, ‘लेदर सिटी ऑफ द वर्ल्ड’ तथा ‘इंडस्ट्रियल हब’ के रूप में कानपुर को जो प्रसिद्धि मिली उसके पीछे हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा उपलब्ध करायी गयी टेक्नॉलॉजी और मानव संसाधन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज समय की जरूरत है कि बेटियों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया जाये , इससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
उक्त बातें महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) की स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर विश्वविद्यालय के पश्चिमी कैंपस में बतौर मुख्य अतिथि शताब्दी समारोह कार्यक्रम के शुभारंभ करने के पश्चात छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि मैं यहां आकर प्रसन्न हूं , कानपुर आता हूं तो मुझे अपने विद्यार्थी जीवन की यादें ताजा हो जाती हैं। मेरा आग्रह है कि पूर्व विद्यार्थी जरूरतमंद छात्रों की मदद करें। बेटियों की भागीदारी तकनीकी शिक्षा में पूरी नहीं है , छात्राओं की संख्या कम है। अब समय की जरूरत है कि तकनीक के क्षेत्र में भी बेटियों को प्रोत्साहन मिले , इससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।यहां उन्होंने कानपुरवासियों से स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने की अपील करते हुये कहा – मैं कानपुर के लोगों के स्वभाव को जानता हूं , वे जो ठान लेते हैं उसे करके ही रहते हैं। अगले सर्वेक्षण में कानपुर देश के सबसे स्वच्छ पांच शहरों में शामिल हों। कानपुर से जुड़ा होने के कारण मेरी कानपुरवासियों से अपेक्षा भी है। स्वच्छता सर्वेक्षण में यह देखने को मिला कि कानपुर वर्ष 2016 में 173वें से 21वें स्थान पर पहुंच गया। ये खुशी की बात है , लेकिन संतोष नहीं है। कानपुर के प्रशासनिक अफसरों से अपेक्षा करता हूं कि वे इंदौर सहित देश के अन्य स्वच्छ शहरों की व्यवस्था को जाकर देखें। वहां के अफसरों से तालमेल बैठाकर कानपुर को टॉप-5 स्वच्छ शहर बनाने के लिये पहल करें। कचरामुक्त बनाने के लिये कानपुर के उच्च शिक्षण संस्थान , औद्योगिक अनुसंधान के सभी संस्थान , जनप्रतिनिधि , अफसर , नागरिक सब मिलकर युद्धस्तर पर कार्य करें। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पूर्व छात्रों , शिक्षकों , निदेशको और कुलपतियों का आभार जताया। राष्ट्रपति ने आगे कहा मुझे बताया गया है कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क में यह विश्वविद्यालय 166 नंबर पर है। आजादी के सौ साल पूरे होने पर वर्ष 2047 तक ये एनआईआरएफ रैकिंग में देश के टॉप 25 संस्थानों में अपना नाम शामिल कर सकें। आप सबको संकल्पबद्ध होकर काम करना होगा।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० समशेर ने संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुये बताया कि संस्थान में बीटेक के तेरह , एमटेक के नौ कोर्स के साथ ही पीएचडी के शोध कार्य कराये जा रहे हैं। इस वर्ष एमबीए व भौतिकी और गणित में एमएससी कोर्स भी शुरू किया गया है। संस्थान में 3400 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। इस वर्ष 100 विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी विभिन्न संकायों में कराया गया है। विश्वविद्यालय की एलुमनाई एसोसिएशन से करीब 5000 पूर्व छात्र-छात्राएं जुड़े हुये हैं , जो विभिन्न तरीकों से संस्थान को सहयोग कर रहे हैं। हाल ही में एक पूर्व छात्र एके दत्ता ने संस्थान में रिसर्च लैब भी बनवायी है। वहीं प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि एचबीटीयू देश का अग्रणी विश्वविद्यालय है जहां भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुसार अध्यापन का कार्य कराया जा रहा है। यहां के पूर्व छात्र भी अध्ययनरत छात्रों को हर तरह से मदद कर रहे हैं। इसी तरह से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एचबीटीयू देश के नवनिर्माण और छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य कर रहा है। जिला एक उत्पाद की केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप उद्यमिता विकास के गुर सिखा रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षा के साथ ही प्राथमिक शिक्षा पर भी जोर देते हुये कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के स्तर पर ही छात्रों को तकनीकी और अभियांत्रिकी का ज्ञान भी आ जाना आज के युग की जरूरत है , लिहाजा इस दिशा में भी सबको मिलकर प्रयास करना चाहिये। बताते चलें हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) कहलाने वाले संस्थान की स्थापना गवर्नमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में 25 नवंबर 1921 को हुई थी। इसके बाद में यह 1921 में गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टीट्यूट फिर विश्वविद्यालय बना। 1926 में यह हरकोर्ट बटलर टेक्नोलाजिकल इंस्टीट्यूट बना और वर्ष 2016 से यह विश्वविद्यालय है।
गौरतलब है कि दो दिवसीय उत्तरप्रदेश दौरे के अंतिम दिवस महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल हुये। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचते ही छात्राओं ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति , राज्यपाल व मंत्रियों ने दीप प्रज्जवलन के साथ शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं ने वर दे वीणा पाणी शारदे… प्रस्तुत किया। कुलपति ने राष्ट्रपति राज्यपाल व दोनों मंत्रियों को पुस्तक अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने स्मारक सिक्के , डाक टिकट का अनावरण कर संस्थान के सौ वर्षों की उपलब्धियों को संरक्षित करके बनवाये गये 400 किलो के टाइम कैप्सूल शताब्दी स्तम्भ , शताब्दी द्वार , शताब्दी भवन व 32 सीटर छात्रावास , 200 सीटर छात्रावास की नवनिर्मित मेस , लेक्चर हाल , सभागार एवं कुलपति आवास समेत आठ नये भवनों का लोकार्पण रिमोर्ट का बटन दबाकर किया। वही राज्यपाल ने इतिहास पुस्तक का विमोचन करते हुये प्रथम पुस्तक राष्ट्रपति को भेंट की। इस शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में पूर्व छात्र रहे त्रिवेंद्रम में पुलिस कमिश्नर के पद पर कार्यरत व विवि से 1991 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बलराम उपाध्याय, बिरला इंस्टीट्यूट आफ साइंटिफिक रिसर्च जयपुर में कार्यकारी निदेशक व एचबीटीयू से वर्ष 1969 में केमिकल टेक्नोलाजी से ग्रेजुएट रहे प्रो. पूर्णेंदु घोष, यूरो-अमेरिकन प्लास्टिक (अमेरिकन कंपनी) के संस्थापक योगेश गोयल भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इसके पहले अपने उत्तरप्रदेश दौरे के शुरूआत में बुधवार को राष्ट्रपति कोविंद कानपुर में मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौधरी हरमोहन सिंह पैरामेडिकल साइंस एंड नर्सिंग संस्थान में स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करने के साथ ही सर्किट हाउस में कानपुर में अपने पुराने मित्रों तथा रिश्तेदारों से भेंट कर उनसे पुरानी यादों को साझा किया।