मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा माध्यम माध्यम श्रीमद्भागवत कथा- स्वामी लक्ष्मणाचार्य

हाजीपुर-श्री गजेन्द्र मोक्ष देव स्थानम नवलखा मंदिर सोनपुर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का गुरुवार को पूर्णाहूति हवन के साथ समापन हो गया. देव स्थानम की पीठाधिपति जगतगुरु लक्ष्मणाचार्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि संसार सागर में भक्ति एक नौका की तरह है, भक्ति के बिना मनुष्य जीवन पटरी पर नहीं चल सकता है.

ईश्वर भक्ति का मार्ग अपनाकर मनुष्य को मोक्ष के मार्ग पर चलना चाहिए. जीवन में एक बार संकल्पित श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण मनुष्य को करना चाहिए.


स्वामी जी ने कहा कि राजा परीक्षित अर्जुन के पौत्र अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र तथा जन्मेजय के पिता का मोक्ष श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने मात्र से हो जाता है.अन्त में श्री स्वामी जी महाराज ने सभी को धन्यवाद देते हुए हवन के द्वारा कथा का पूर्णाहूति कराया.तत्पश्चात महाभंडारा का महाप्रसाद खिलाया गया.

आज कथा से भंडारे तक अपार भीड़ देखी गई.मौके पर पं नन्द किशोर तिवारी, विरेन्द्र शास्त्री, शिवनारायण शास्त्री, गोपाल झा, शिव कुमार झा, समाजसेवी लालबाबू पटेल, धन्नजय सिंह,सोनू कुमार,अशोक कुमार,आनन्द नयन, लक्ष्मी नारायण जी, रानी नारायणी, ममता पटेल, कुसुम देवी, मनीषा और देव स्थानम नवलखा मंदिर के सभी सेवक और सोनपुर नगरवासी महाप्रसाद वितरण में सहयोग कर रहे थे.

Ravi sharma

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