अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस०ए० बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी यानि अगले सीजेआई की नियुक्ति के लिये सरकार को जस्टिस एन०वी० रमन्ना के नाम की सिफारिश भेजी है। एस०ए०बोबडे के बाद जस्टिस एन०वी० रमन्ना सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं. जस्टिस एस०ए० बोबडे का कार्यकाल 23 अप्रैल को खत्म हो रहा है। नागपुर में जन्मे बोबडे ने 18 नवंबर 2019 को 63 साल की उम्र में वर्ष 2019 मेंं देश के 47वें सीजेआई का पद संभाला था।सीजेआई बोबडे ने अपने कार्यकाल में कुछ अहम फैसलों में भूमिका निभायी है. कोरोना के चलते हुये लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों का मामला रहा हो या किसानों के आंदोलन को लेकर सुनवाई , सीजेआई बोबडे उसमें प्रमुख भूमिका में रहे। इसके अलावा अयोध्या राम जन्मभूमि मामले और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में भी एस०ए० बोबडे का अहम रोल रहा। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस 65 साल तक की उम्र तक पद पर रह सकते हैं और उन्हें संसद में अभियोग चलाये बगैर हटाना संभव नहीं होता। अनुच्छेद 124(4) इस अभियोग प्रक्रिया के बारे में बताता है। इसके अलावा सीजेआई अपनी मर्जी से राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा देकर भी पद छोड़ सकते हैं।
कौन हैं जस्टिस एन वी रमन्ना ?
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जस्टिस नाथुलापति वेंकट रमन्ना का जन्म अविभाजित आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में 27 अगस्त 1957 को हुआ था। किसान परिवार से ताल्लुकात रखने वाले शांत और मृदुभाषी स्वभाव के जस्टिस रमन्ना ने साइंस और ला में ग्रेजुएशन किया है। उन्हें 02 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। फिलहाल उनके कार्यकाल के लगभग दो ही साल बचे हैं, वे 26 अगस्त 2022 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने वकालत का काम 10 फरवरी, 1983 में शुरू किया था। चंद्रबाबू नायडू के आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान जस्टिस रमन्ना आंध्रप्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल भी रहे थे। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमन्ना ने विज्ञान और कानून में स्नातक की डिग्रियां हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट , केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में कानून की प्रैक्टिस शुरू की। राज्य सरकारों की एजेंसियों के लिये वो पैनल काउंसिल के तौर पर भी काम करते थे। वे 27 जून 2000 को आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किये गये। इसके बाद वर्ष 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक वो आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे। उनकी पदोन्नति 02 सितंबर 2013 को उनकी पदोन्नति हुई और वो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किये गये। इसके बाद 17 फरवरी 2014 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की पंक्ति में मौजूदा सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एसए बोबडे के बाद वे दूसरे नंबर पर हैं।करीब 45 साल का लंबा अनुभव रखने वाले एनवी रमना सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसले सुनाने वाली संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे हैं।अगर सरकार बोबडे की सिफारिश मान लेती है तो महामहिम राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 24 अप्रैल को जस्टिस रमना 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।