पटना-आज पुरे विश्व में 32 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज के कारण हो रही है.महिलाओं में आज डायबिटीज तेजी से फ़ैल रहा है,खासकर उस समय जब महिलाऐं गर्भ धारण करती है.
क्योंकि उस समय खाने पीने का दबाव परिवार के द्वारा ज्यादा रहता है और उसी खाने पीने के दरम्यान शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिससे की गर्भ में पल रहे बच्चें पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.अक्सर ये देखा जाता है कि जब कोई भी महिला गर्भ धारण करती है तो शारिरीक श्रम करना भी कम हो जाता है और गलत खान-पान होने के कारण महिलाओं में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. जब कोई भी महिला गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज से पीड़ित होती है तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चे पर पड़ता है,बच्चा अपंग पैदा होता है या बच्चे में विकास ना के बराबर होता है अगर बच्चा हो भी गया तो उस बच्चे को टाइप वन डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है.अतः जरुरत है कि समय रहते हमेशा ब्लड सुगर जांच कराते रहने की जिससे की आपका ग्लुकोज़ नियंत्रण में रहे.उक्त बातें आस्था फाऊंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ डायबिटीज जागरूकता अभियान के तहत कदमकुआं के सैकड़ों महिलाओं को संबोधित करते हुए शहर के मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ डा मंजु गीता मिश्रा ने कही.
डा प्रज्ञा मिश्रा ने कहा कि आज अगर समय रहते महिलाएं गर्भ धारण करने के साथ अपने आप को तनावमुक्त रहकर और हल्का टहलने पर ध्यान नहीं देगी तो ब्लड सुगर बढ़ने पर संभालना मुश्किल हो जाता है.अतः महिलाओं से निवेदन है कि हमेशा सुगर को नियंत्रण में रखें.वहीं मौके पर डा० दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि महिलाओं को चाहिए की हमेशा सुगर को नियंत्रित करने के लिए जंक फ़ूड डब्बा बंद पदार्थ एवं तैलीय पदार्थ से परहेज़ करें.संस्था के सचिव पुरूषोत्तम सिह ने कहा कि जिस तरह आज महिलाओं को डायबिटीज अपना शिकार बना रही है ये चिन्ता का विषय है क्योंकि समाज को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है.
इसलिए आस्था फाऊंडेशन लगातार डायबिटीज को लेकर महिलाओं को जागरूक कर रही है.कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया और अपने डायबिटीज से संबंधित प्रश्न भी किये जिसका ज़बाब कार्यक्रम में उपस्थित विषेशज्ञो ने दिया.