कालेजों में नये सत्र की शुरुआत एक नवंबर से-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — शिक्षा मंत्रालय की घोषणा के अनुसार वैश्विक कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लाकडाऊन के चलते देश भर में कई महीनों बंद पडे़ विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिये नया शैक्षणिक सत्र की शुरुआत एक नवंबर से होगी। पढ़ाई के दौरान इस साल की सर्दियों और अगले साल की गर्मी की छुट्टियों और अन्य अवकाश में कटौती की जायेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि सत्र में देरी के चलते पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिये छुट्टियों में कटौती की जायेगी। उन्होंने आगे कहा है कि ग्रीष्मकालीन , शीतकालीन अवकाश ना लेने से इस शैक्षणिक कार्य दिवसों के हुये नुकसान की पूर्ति की जा सकती है। उनके मुताबिक 30 नवंबर से पहले दाखिला वापस लेने वाले छात्रों की पूरी फीस वापस की जायेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन और अन्य संबंधित कारणों से उत्पन्न हुई आर्थिक समस्याओं के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। दाखिला वापस लेने पर सभी मदों की पूरी फीस वापस की जायेगी। इससे पहले यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू करने के लिये एक विशेष कमेटी गठित की थी। आयोग द्वारा गठित इस सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की थी।गौरतलब है कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में लॉकडाउन की घोषणा हुई थी जिसके बाद कॉलेजों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था। आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि इन पाठ्यक्रमों के लिये प्रवेश की प्रक्रिया 31 अक्तूबर को समाप्त कर दी जायेगी। पढ़ाई पूरी करने के लिये सप्ताह में छह दिन कक्षायें चलाने को भी कहा गया है। नया सत्र ऑनलाइन, फेस-टू-फेस क्लासरूम और मिश्रित मोड से चलाया जायेगा। यह शैक्षणिक कैलेंडर एआईसीटीई के तकनीकी कॉलेजों पर भी लागू होगा।आयोग ने साफ कहा कि सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करना अनिवार्य होगा।

Ravi sharma

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