एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान को हराकर भारत ने कांस्यपदक जीता

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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ढाका – एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के रोमांचक मुकाबले में टीम इंडिया ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-3 से हरा दिया है। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने ना सिर्फ ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया बल्कि इस टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर फिनिश किया , वहीं पाक टीम चौथे पायदान पर रही। चूकि दोनों ही टीमें सेमीफाइनल मुकाबला हार गई थी जिसके बाद उन्हें तीसरे स्थान (ब्रॉन्ज मेडल) के लिये मैच खेलना पड़ा। भारतीय टीम और पाकिस्तान की टीमों ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार ब्रॉन्ज मेडल के लिये मुकाबला खेला।
भारत का यह एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में ओवरऑल पांंचवां पदक और पहला कांस्य पदक है। मैच में पहले ही हाफ से दोनों टीमों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली। मैच के तीसरे ही मिनट में भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाते हुये पहला गोल दागा। ये गोल हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर किया और टीम इंडिया को 1-0 की बढ़त दिलायी। पाकिस्तान ने भी हार नहीं मानी और कमाल की वापसी करते हुये गोल कर स्कोर को 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया। ये गोल अफराज ने काउंटर अटैक पर किया। दूसरे हाफ में दोनों टीमों ने पूरा जोर लगाया , लेकिन इस क्वार्टर में एक भी गोल नहीं हो सका। मैच के तीसरे हाफ में पाकिस्तान ने तेजी से अटैक किया। पाक के लिये दूसरा गोल अब्दुल राणा ने बहुत ही आसानी से किया और टीम को 2-1 की बढ़त दिलाई। तीसरा क्वार्टर खत्म होने से ठीक पहले भारत ने मैच में जबरदस्त वापसी की , सुमित ने टाइम खत्म होने से ठीक पहले गोल कर भारत की मैच में वापसी करवायी। अब स्कोर 3-3 के साथ बराबरी पर आ गया। मैच के आखिरी हाफ में भारतीय टीम ने पाकिस्तान की एक ना चलने दी। मैच खत्म होने से कुछ ही समय पहले भारत ने तीसरा गोल दागा , ये गोल वरुण कुमार ने पेनल्टी कॉर्नर का फायदा उठाते हुये किया। अक्षयदीप सिंह ने भारत के लिये चौथा गोल दागकर भारत की जीत पक्की कर दी। पूरे टूर्नामेंट में हरमनप्रीत सिंह ने शानदार खेल दिखाते हुये 06 मैचों में कुल आठ गोल दागे , इसी तरह से दिलप्रीत सिंह ने भी 05 गोल किये जबकि अक्षयदीप सिंह और ललित उपाध्याय ने दो-दो गोल दागे। वहीं पाकिस्तान की तरफ से अफराज , अब्दुल राणा और अहमद नदीम ने गोल किये।
इस मुकाबले के लिये भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया।

पांचवीं बार हुआ भारत-पाकिस्तान मुकाबला
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दोनों टीमें पहली बार कांस्य पदक मैच के लिये आमने-सामने हुईं। इससे पहले टूर्नामेंट के इतिहास में चार बार नॉकआउट मुकाबलों में भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच भिड़ंत हुई है , लेकिन सभी मैच फाइनल थे। वर्ष 2011 में भारत ने पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया था। वर्ष 2012 में पाकिस्तान ने भारत को 5-4 से हराया था। वर्ष 2016 में भारत ने पाकिस्तान को 3-2 से रौंदा था। वर्ष 2018 में दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया था। पाकिस्तान की टीम पहली बार कोई मेडल नहीं जीत सकी। इससे पहले उसने वर्ष 2011 और वर्ष 2016 में सिल्वर मेडल जीता था। वहीं वर्ष 2012 , 2013 और वर्ष 2018 में टीम ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

भारतीय टीम –
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गोलकीपर – कृष्ण बहादुर पाठक , सूरज करकेरा।
डिफेंडर – हरमनप्रीत सिंह (उपकप्तान), गुरिंदर सिंह, जरमनप्रीत सिंह, दीपसन टिर्की, वरुण कुमार, नीलम संजीव ज़ेस, मंदीप मोर
मिडफील्डर: हार्दिक सिंह, मनप्रीत सिंह (कप्तान), जसकरण सिंह, सुमित, राजकुमार पाल, आकाशदीप सिंह, शमशेर सिंह।
फॉरवर्ड – ललित कुमार उपाध्याय, दिलप्रीत सिंह, गुरसाहिबजीत सिंह, शिलानंद लकड़ा।

पाकिस्तान की टीम
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गोलकीपर – वकार , अब्दुल्लाह इश्तिआक।
डिफेंडर – मुबासिर अली, अम्माद शकील भट्ट, तजीम उल हसन, मुहम्मद अब्दुल्लाह, अकील अहमद।
मिडफील्डर – अबू बकार महमूद, मोईन शकील, हमाद-उद-दिन अंजुम, गजनफार अली, अजफर याकूब।
फॉरवर्ड -मोहम्मद उमर भट्ट, अली शान, एजाज अहमद, राना वाहीद, जुनैद मंजूर, अफराज, अहमद नदीम, मोहम्मद सलमान रज्जाक।

Ravi sharma

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