युवा जोश के साथ कुम्हरार विस मे विकास की नई इबारत लिखेंगे अजय वर्मा-पटना

पटना-बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है.सूबे के सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपनी-अपनी तैयारियों मे लगे है.वैसे मे राजधानी पटना के विधानसभा सीटों पर सबकी नजर होती है.राजधानी का सबसे हॉट विधानसभा सीट 183-कुम्हरार विधानसभा सीट को माना जाता है.यह भाजपा की परंपरागत सीट रही है.

इस विधानसभा क्षेत्र का वर्ष 1990 से लेकर 2005 तक सुशील कुमार मोदी ने नेतृत्व किया.उसके बाद 2005 से इस विधानसभा सीट पर भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा का कब्जा है. बिते विधानसभा चुनाव(2015) मे इस विधानसभा सीट से एक स्थानीय उम्मीदवार अजय वर्मा का नाम तेजी से उभरा.वैसे यह नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं था.विवादों के साथ चोली-दामन का रिश्ता रहा.चुनाव लड़ रहे दागी उम्मीदवारों कि सुची मे एक मुख्य नाम इनका रहा.हालांकि वह इन सारी बीती बातो के लिए उस वक्त के मौजूदा राजनीतिक और जातीय समिकरणो को जिम्मेदार ठहराते हैं.

खैर पहली बार राजनीति के अखाड़े मे उतरे अजय वर्मा ने 2015 का विधानसभा चुनाव एक निर्दलीय प्रत्याशी के रुप मे लड़ा.हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा मगर राजधानी के चारो विधानसभा सीटो पर पक्ष और विपक्ष के बाद तमाम निर्दलीय उम्मीदवारों और कई राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों मे सबसे ज्यादा मत प्राप्त करने वाले प्रत्याशी रहे.हार का सामना करने के बाद भी श्री वर्मा लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र मे जनहित के कार्यों मे लगे रहे.कायस्थ बहुल मतदाता वाले कुम्हरार विधानसभा सीट से इस बार पुन: अजय वर्मा अपनी चुनावी तैयारियों मे लगे है.उनका यह भी कहना है कि दुसरे राजनीतिक दल कायस्थ बहुल मतदाता वाला क्षेत्र होने के बावजूद यहां से कायस्थ उम्मीदवार को सिबंल नहीं देते है.हालांकि बातचीत के दौरान वह बताते है कि उनकी अभी कई राजनीतिक दलो से टिकट को लेकर बात चल रही हैं मगर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है.

जहां तक भाजपा के वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा की बात है तो सीटिंग विधायक होने के नाते वह भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.मगर जनता की जमीनी समस्याओं की अनदेखी,बीते वर्ष के बाढ़ मे जनता के दुख-दर्द मे निष्क्रिय रहना और लगातार आम-जनता से दूरी इस बार उनकी भाजपा की उम्मीदवारी और जीत दोनो पर संशय खड़ा करती है.वहीं बीते विधानसभा चुनाव और अभी होने जा रहे चुनाव के बीच के पांच साल मे अजय वर्मा लगातार अपने क्षेत्र मे,जनता के दुख-दर्द मे सक्रिय रहे और इस सक्रियता का लाभ श्री वर्मा को इस बार के विधानसभा चुनाव मे कुम्हरार विधानसभा सीट से जनता के मत के आशिर्वाद के रुप मे मिल सकता है.

हालांकि इस मामले मे अजय वर्मा काफी आश्वस्त दिखते है और उन्हें पुरा भरोसा है कि कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र की जनता इस बार किसी पार्टी,दल,जाती के नाम पर मतदान नहीं करेगी. इस बार जनता अपने सुख-दुख मे साथ रहने वाले स्थानीय उम्मीदवार को ही चुनेगी.

Ravi sharma

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