हमारे संविधान ने दी देश के भाग्य बदलने की क्षमता – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – भारत के संविधान ने लोगों को ऐसा अधिकार दिया है जो देश का भाग्य बदलने की क्षमता रखता है। एक-एक वोट की जो शक्ति है वो कितनी योजनायें शुरू कराती है और महत्वपूर्ण निर्णय करवाती है। देश के हर मतदाता के लिये यह गर्व की बात है कि चुनाव के जरिये देश की जनता ने लगातार सरकारें बनायी हैं।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर नमो एप के जरिये देश भर के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये कही। इस अवसर पर उन्होंने चुनाव आयोग और भारत की चुनावी प्रक्रिया की सराहना करते हुये कहा कि स्थापना दिवस से लेकर आज तक हमारे चुनाव आयोग ने अपनी सार्थकता को सिद्ध किया है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। गणतंत्र दिवस पर होने वाला समारोह भी अब हमने 23 जनवरी से शुरू किया है। आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस है, मैं देश के सभी मतदाताओं को बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि आप लोग बढ़ चढ़कर मतदान में हिस्सा लें और पचहत्तर फीसदी मतदान सुनिश्चित करें। पीएम मोदी ने कहा कि भारत उन देशों में से एक है जहां चुनाव आयोग लोगों को नोटिस जारी कर सकता है , अधिकारियों को स्थानांतरित कर सकता है। हमारी चुनाव प्रक्रिया ने विभिन्न देशों के लिये एक बेंचमार्क स्थापित किया है। पीएम मोदी ने सभी कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोग सभी नागरिकों को मतदान करने के लिये उत्साहित करें। पीएम ने इसके अलावा भी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कई विषयों पर बातचीत की। इसमें देश में वैक्सीनेशन कवरेज , टेक्नोलॉजी , सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स और कच्छ के विकास से जुड़े मुद्दे भी शामिल थे। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने चर्चा के दौरान अरविन्द तिवारी को बताया कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र में मतदान की अहम भूमिका पर अपने विचार रखे जिससे भाजपा कार्यकर्ता प्रेरित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये मतदाताओं की लोकतंत्र में भूमिका पर प्रकाश भी डाला। उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री ने बूथ समितियों के सदस्यों से सीधा संवाद करते हुये उनका हाल चाल भी जाना। बताते चलें उत्तरप्रदेश , उत्तराखंड , पंजाब , गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वर्ष 1950 में 25 जनवरी को भारत के चुनाव आयोग की स्थापना दिवस हुई। तात्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने के कानून मंत्रालय के प्रस्ताव को वर्ष 2011 में मंजूरी दी थी। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का शुभारंभ 25 जनवरी 2011 में तात्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने किया था। तब से हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय लोकतंत्र में नागरिकों की भूमिका अहम है। नागरिक ही सरकार चुनकर देश की दिशा तय करते हैं। इस दिन नागरिकों को वोट देने के लिये जागरुक किया जाता है और उन्हें वोट की अहमियत बतायी जाती है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य नये मतदाताओं को प्रोत्साहित करना , सुविधा प्रदान करना , अधिकतम नामांकन करना है। देश के मतदाताओं को समर्पित इस दिवस का उपयोग मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने और चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये किया जाता है। प्रतिवर्ष मतदाता दिवस की एक थीम होती है।राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 की थीम ‘मजबूत के लिये अंतर्राष्ट्रीय’ है।उत्तरप्रदेश में जहां सात चरणों में मतदान होना हैं वही मणिपुर में दो चरणों में और उत्तराखंड , गोवा और पंजाब में एक चरण में मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 31 जनवरी तक जनसभाओं और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिये हैं। इस बीच सभी पार्टियों का वर्चुअल व्यापक प्रचार अभियान जारी है।

Ravi sharma

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