सीएम की पहल पर शैलेन्द्र बना एक दिन का कलेक्टर-रायपुर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – दिल में कलेक्टर बनने की चाहत लिये लाइलाज प्रोजेरिया से ग्रस्त शैलेंद्र ध्रुव की जब ये इच्छा जब टीवी चैनल के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास पहुंची , तो उन्होंने शैलेंद्र को एक दिन का कलेक्टर बना दिया। फिलहाल उसकी बीमारी का कोई हल नही निकला है , लेकिन उसके कलेक्टर बनने का ख्वाहिश जरूर पूरा हो गया।
गौरतलब है कि शैलेन्द्र ध्रुव गरियाबंद जिले के छुरा विकासखण्ड के मेढ़कीडबरीगांव का निवासी है , जो लाइलाज प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित है। इनके पिता का नाम बंशीलाल ध्रुव और माता का नाम रामकली ध्रुव है। पैदा होते ही उसे बीमारी ने घेर लिया , इस बीमारी की वजह से ही उसके शरीर की कोशिकायें उम्र से पहले ही ज्यादा विकसित हो गई है। जिसके चलते वह अपना सपना पूरा करने में असमर्थ हैं। अमिताभ बच्चन के फिल्म पा की तरह शैलेन्द्र की भी जिंदगी बन चुकी है। वह 16 साल की उम्र में 80 साल का बुजुर्ग लगता है , पढ़ाई और खेल में कोई उसका साथ नही देता। शिक्षक पढ़ाई को लेकर कभी उस पर कोई दबाव नहीं डालते हैं। वह दूसरे बच्चों की तरह ना तो शरारत करता है , और ना ही खेलता है। स्कूल के सब बच्चे भी उसके साथ सामान्य व्यवहार करते हैं। शैलेन्द्र ने कुछ दिन पहले ही चैनलों के जरिये अपनी अंतिम इच्छा सामने रखते हुये कहा था कि …“उसका सपना था कि बड़ा होकर एक दिन वो कलेक्टर बने , लेकिन उसका ये सपना पूरा नहीं हुआ , मैं चाहता हूं कि कलेक्टर की कुर्सी पर बैठूं।” शैलेंद्र की ये इच्छा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंची तो मुख्यमंत्री ने खुद उससे मिलने की इच्छा जतायी। शैलेन्द्र को एक दिन के लिये गरियाबंद जिले का कलेक्टर बनाया गया। सीएम के निर्देश पर उसके गृहग्राम से उसे कलेक्टर की शासकीय गाड़ी में गरियाबंद लाया गया। यहां कलेक्टर का पदभार सम्हालने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने उसे रायपुर भेजने का इंतजाम किया। मुख्यमंत्री से मिलने के लिये सर्किट हाउस जब शैलेंद्र पहुंचा , तो उस वक्त मुख्यमंत्री आईजी-एसपी कांफ्रेंस ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने भोजनावकाश के ठीक पहले शैलेंद्र को बुलाया और फिर अपने बगल वाली कुर्सी पर बैठाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ उस बच्चे के साथ तस्वीरें खिंचवायी , बल्कि उसके साथ लंच भी किया।

Ravi sharma

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