सौ करोड़ वैक्सीन डोज देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब — पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – कवच कितना ही उत्तम हो , कवच कितना ही आधुनिक हो , कवच से सुरक्षा से पूरी गारंटी हो तो भी जब तक युद्ध चल रहा है हथियार नहीं डाले जाते। मेरा आग्रह है कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है। अब तक डिजाइनर मास्क आने लगे हैं , जिस तरह से हम जूते पहनकर बाहर जाते हैं वैसे ही हम मास्क को भी एक सहज स्वभाव बनायें।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकटकाल के दौरान आज राष्ट्र के नाम अपने दसवें संबोधन में देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। इससे पहले उन्होंने 07 जून 2021 को पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया था. तब पीएम मोदी ने नई वैक्सीन नीति का ऐलान किया था। इसके तहत केंद्र ने वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी ली थी , इसके अलावा इस संबोधन में गरीब कल्याण अन्न योजना को दिवाली छठ तक बढ़ाने का ऐलान किया गया था।पीएम मोदी ने आज अपने दसवें संबोधन के दौरान कोरोना वैक्सीनेशन के आंकड़े 100 करोड़ पार करने पर देशवासियों को बधाई देते हुये कहा कि 21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन खुराक देने का कठिन , लेकिन असाधारण लक्ष्य हासिल किया। यह 130 करोड़ भारतीयों के एकीकृत प्रयासों से संभव हुआ है। मैं इस उपलब्धि को हासिल करने के लिये अपने नागरिकों को बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा पिछली दिवाली हर किसी के मन में एक तनाव था , लेकिन इस दिवाली 100 करोड़ वैक्सीन डोज के कारण एक पैदा हुआ विश्वास है। अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है , तो मेरे देश में बने सामान मेरी दिवाली को और भी भव्य बना सकते हैं। हर छोटी से छोटी चीज जो भारत में बनी हो जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो , उसे खरीदने पर जोर देना चाहिये और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा। भारतीयों द्वारा बनायी चीज खरीदना , वोकल फार लोकल होना , ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा। उन्होंने कहा कि दुनियां के दूसरे बड़े देशों को वैक्सीन पर रिसर्च करने में , वैक्सीन खोजने में निपुणता थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनायी वैक्सीन पर ही निर्भर रहता था , लेकिन अब भारत आत्मनिर्भर हो गया है। हमारे देश ने एक ओर कर्तव्य का पालन किया , तो दूसरी ओर बड़ी सफलता हासिल की। वैक्सीनेशन में सफलता पूरे देश की सफलता है।प्रधानमंत्री ने कहा यह हमारे लिये गर्व की बात है कि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान जनक , विज्ञान संचालित और विज्ञान आधारित रहा है। टीकों के विकास से लेकर टीकाकरण तक , विज्ञान सभी प्रक्रियाओं का आधार रहा है। हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई जन भागीदारी को अपनी पहली ताकत बनाया। देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिये ताली , थाली बजायी और दीये जलाये तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जायेगी ? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी , सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा। पीएम मोदी ने कहा, ‘सबको साथ लेकर देश ने “सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन” का अभियान शुरू किया। गरीब-अमीर , गांव-शहर , दूर-सुदूर , देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती , तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता। ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी ना हो। भारत ने अपने नागरिकों को 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगायी है और वो भी बिना पैसा लिये। सौ करोड़ वैक्सीन डोज का एक प्रभाव ये भी होगा कि अब दुनियां भारत को कोरोना से ज्यादा सुरक्षित मानेगी। पीएम ने कहा जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आयी , तो भारत पर सवाल उठने लगे कि क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पायेगा ? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लायेगा ? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी ? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं ? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पायेगा कि महामारी को फैलने से रोक सके ? भांति-भांति के सवाल थे , लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज , हर सवाल का जवाब दे रही है। पीएम ने कहा सौ करोड़ वैक्सीन डोज केवल एक आंकड़ा ही नहीं , ये देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब भी है। इतिहास के नये अध्याय की रचना है , ये उस नये भारत की तस्वीर है , जो कठिन लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें हासिल करना जानता है। पीएम मोदी ने कहा आज भारतीय कंपनियों को ना केवल रिकॉर्ड निवेश मिल रहा है , बल्कि रोजगार सृजन भी हो रहा है। स्टार्ट-अप में रिकॉर्ड निवेश के साथ-साथ रिकॉर्ड स्टार्टअप यूनिकॉर्न भी विकसित किये जा रहे हैं। हमारे देश ने कोविन प्लेटफॉर्म की जो व्यवस्था बनायी है , वो भी विश्व में आकर्षण का केंद्र है। भारत में बने कोविन प्लेटफॉर्म ने ना केवल आम लोगों को सहुलियत दी , बल्कि मेडिकल स्टाफ के काम को भी आसान बनाया है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती से सम्हाले रखा। आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं। वैक्सीन के बढ़ते कवरेज के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं। बताते चलें इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकटकाल के दौरान अपने नौ संबोधनों में जनता कर्फ्यू की अपील , लॉकडाउन का ऐलान , बीस लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान , अन्न योजना बढ़ाने का ऐलान , कोरोना के प्रति जनता को किया आगाह , राज्यों को कोरोना को लेकर किया आगाह और वैक्सीन नीति का ऐलान किया था।

Ravi sharma

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