शहीद परिवारों को न्याय दिलाने हेतु सरकार संकल्पित — सीएम बघेल

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अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर — शहीद परिवारों को न्याय दिलाने के लिये सरकार कृत संकल्पित है। इसकी जांच में कितनी भी बाधाएं आये , छत्तीसगढ़ सरकार घटना के तह तक जरूर जायेगी और पीडि़तों को न्याय जरूर मिलेगा। जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नही मिलेगा तब तक सरकार चैन से नही बैठेगी।
उक्त बातें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज झीरम कांड के आठवीं बरसी पूरे होने पय सीएम हाउस में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुये कही। इस कार्यक्रम में नक्सल हमले में दिवंगत नेता तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल , विद्याचरण शुक्ल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा सहित अन्य को श्रद्धांजलि दी गई। सीएम हाऊस में आयोजित कार्यक्रम में दंतेवाड़ा, और जगदलपुर में दिवंगत पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा की प्रतिमा का वर्चुअल अनावरण भी किया गया। इस मौके पर सीएम ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज ही के दिन भयानक घटना घटी थी। जिन नेताओं पर प्रदेश के सुनहरे भविष्य का दारोमदार था ऐसे 17 नेताओं को मार डाला गया। झीरम के शहीदों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। परदे के पीछे का षडय़ंत्र सामने नहीं आ पाया है। अब तक दोषी की पहचान नहीं हो सकी है लेकिन जनता सबकुछ समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एनआईए जांच की घोषणा की थी, लेकिन केन्द्र में सरकार बदलने के बाद एनआईए की जांच रूक गई। राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था, लेकिन एनआईए ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि एनआईए की याचिका पर हाईकोर्ट ने अग्रिम विवेचना पर रोक लगा दी है। सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शहीद परिवारों को न्याय दिलाने के लिये कृत संकल्पित है , पीडि़तों को न्याय जरूर मिलेगा। जब तक न्याय नही मिलेगा तब तक सरकार चैन से नहीं बैठेगी। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी वर्चुअल जुड़े थे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी अपने अपने विचार रखे।
गौरतलब है कि 25 मई 2013 को जगदलपुर जिले के दरभा इलाके में करीब तीन घंटे तक माओवादियों द्वारा किया गया घटनाक्रम आज भी लोगों की रोंगटे खड़ा कर देता है। इस दिन दिग्गज कांग्रेस नेता परिवर्तन यात्रा के काफिले को लेकर सुकमा से लौट रहे थे। उस दौरान एक बड़े घटनाक्रम को अंजाम देने के लिये बड़ी संख्या में माओवादी इस घाटी में घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही कांग्रेस का काफिला दरभा के झीरम घाटी में पहुंचा उसी दौरान माओवादियों ने घटनाक्रम को अंजाम दिया। इस ताबड़तोड़ हमले से लगभग 35 नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौत हो गयी थी वहीं कई सुरक्षा बल भी शहीद हुये थे। घटना के दौरान कुछ लोग माओवादियों की गोली लगने से घायल हुये थे।

Ravi sharma

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