विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर बेबिनार आयोजित-पटना

आज एक्शन फॉर ऑल एवं चाइल्ड कंन्सर्न एवं समर्पण के तत्वावधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर बिहार के अलग-अलग मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, विशेषज्ञों ,छात्रों, दिव्यांगजन व आम जनता को शामिल करते हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया.राज्य स्तर से राष्ट्रीय स्तर पर बेबिनार आयोजित करने में संयुक्त रुप में इंडियन स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ़ सेरेब्रल पाल्सी, इंडियन स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ़ औटिज्म,स्पेशल औलोपिंक ऑफ़ बिहार,बिहार पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन एवं बिहार सिविल सोसायटी फोरम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

आज के इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट राज्य निशक्ततता आयुक्त(दिव्यांगजन), पटना ,बिहार डॉ॰ शिवाजी कुमार उपस्थित थे. इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के बारे में बताया.उन्होनें लोगों को मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूक होने व इस विषय पर शोध को बढावा देने की जरूरत पर बल दिया.विभिन्न प्रकार के मानसिक समस्या से पीड़ित और उनके परिजनों के हालात पर चिंतन जाहिर करते हुए कहा की समाज को इस दिशा में जागरूक होकर बचपन से ही बच्चों के भीतर उपयुक्त महौल देने की कोशिश करनी चाहिए.

 


बेबिनार को संबोधित करते हुए डॉ॰ विनोद भांति ने बताया की पुलिस थाने में भी काउंसलर्स की बहाली होनी चाहिए ताकि अधिकतर मसले से कोर्ट- कचहरी का भार कम हो.लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस विषय पर चर्चा करना चाहिए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ॰ कीर्ति ,एसो.प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग,कॉलेज ऑफ़ कामर्स, आर्ट्स एंड साइंस ,पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना ने बताया की मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी सभ्य समाज के निर्माण में घातक सिद्ध हो सकता है. इस अवसर पर डॉ॰ मनोज कुमार ,मनोवैज्ञानिक चिकित्सक ने कोरोना काल में बढते मानसिक स्वास्थ्य पर लोगों को जागरूक करते हुए बताया की इस वैश्विक महामारी से बहुत सारी मानसिक समस्या लोगों में देखी जा रही है.

बच्चे से लेकर बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने बेबाक अपनी राय रखी.उनका कहना था की अभी भी 75% निम्न व मध्यम आर्थिक स्थिति वाले लोगों को उत्तम मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पता नही है यदि इनको इस तरह की कोई समस्याएं घर करती हैं तो उनका ईलाज वह नही करा पाते.विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया की पुरे विश्व में आज एक अरब लोग किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित है. हर साल 3 करोङ लोग शराब पीने व उससे होनेवाले मानसिक समस्या से मर रहे हैं. विश्व में हर 40 सेंकड में एक व्यक्ति सुसाइड कर रहा. वर्तमान समय में कोविड-19 के प्रकोप से नयी मानसिक समस्याऐं उभर कर सामने आयी है. डॉ॰ मनोज कुमार ने कोरोना वैश्विक महामारी से होनेवाले करोङो लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस करते हुए बताया की लोगों में अभी अप्रत्याशित रूप में तनाव ,दबाव ,डर,फोबिया व अवसाद के लक्षण उभरे हैं.जिन्हें एक रणनीति के तहत राज्य सरकार व स्वयं सेवी संस्थाओं को करना चाहिए.अपने व्याख्यान में डॉ॰ मनोज ने किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी जोर दिया.उन्होनें बताया की आज 5 में से एक बच्चा या किशोर किसी न किसी मनोविकार से ग्रस्त है जो काफी चिंताजनक है. वे गंभीर मानसिक बीमारियों जैसे सिज़ोफ्रेनिया इत्यादि से जूझते हुए अपने आयु के 15 साल से 20 साल कम जीते हैं जो की काफी चिंतनीय है.

इस अवसर पर डॉ॰ स्मिता तिवारी ,पुनर्वास विशेषज्ञ एवं मनोवैज्ञानिक द्वारा भी सरल व सहज प्रेजेंटेशन देकर लोगों को जागरूक किया गया.इस कार्यक्रम में पाटलिपुत्र स्पेशल चाइल्ड पैरेंटस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ॰ राजीव गंगौल द्वारा काफी प्रेरक जागरूक व्याख्यान दिये गये.गया में कार्यरत मनोवैज्ञानिक श्वेता कुमारी द्वारा भी मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी गयी.इस अवसर पर 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूक करने की मुहिम से जुड़ सके.संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन ,समन्वय व प्रबंधन श्री संदीप कुमार, खेल निदेशक द्वारा किया गया. ।

Ravi sharma

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