विकास वर्सेस डेवलपमेंट पुस्तक को मिला पुरी शंकराचार्य जी का आशीर्वाद

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

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नई दिल्ली – ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज सनातन संस्कृति के अनुरूप राष्ट्र निर्माण के संबंध में निरन्तर प्रवास में रहते हैं। कोरोना काल में प्रवास सम्भव नहीं होने पर यान्त्रिक विधा से उनके द्वारा विभिन्न विषयों पर संगोष्ठी के माध्यम से वेद में सन्निहित ज्ञान विज्ञान को सरलतम सूत्रात्मक रूप प्रसारित किया गया। जिसके फलस्वरूप आज महाराजश्री के संदेशों से ऊर्जा प्राप्त व्यक्ति अपने अपने क्षेत्र में समाज एवं राष्ट्र निर्माण में संलग्न रहते हैं। इसी कड़ी में संजीव तिवारी जो मूलतः तिवारी चकियां गोपालगंज बिहार निवासी हैं तथा वर्तमान में ग्राम उदय फाउंडेशन के द्वारा जिसका कार्यक्षेत्र पूरे भारत में विस्तारित है , पुरी शंकराचार्य जी के समर्पित शिष्य हैं तथा महाराज श्री द्वारा लगभग 150 से विरचित ग्रन्थों से प्रेरित होकर स्वयं संदेशों के माध्यम से विकास की वास्तविक परिभाषा को पुस्तक के माध्यम से लेखबद्ध किया है। लेखक पुरी पीठाधीश्वर से अत्यंत प्रभावित हैं एवं महायंत्रों के प्रति जो शंकराचार्य जी की दृष्टि है उसी दृष्टि को आत्मसात् करते हुये और उनके शब्दों से प्रभावित होकर ही उन्होंने यह पुस्तक लिखी है। यह पुस्तक भारत की सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवादित हो रही है जिसका दायित्व तमिलनाडु के रामास्वामी अय्यर ने लिया है , यह पुस्तक रामास्वामी द्वारा तमिल और अंग्रेजी में भी अनुवादित हो चुकी है। हिंदी के साथ साथ तमिल और अंग्रेजी की प्रति भी गुरुदेव के श्रीचरणों में प्रदान कर दी गई है। विकास वर्सेस डेवलपमेंट शीर्षक से पूज्यपाद पुरी शंकराचार्य जी को समर्पित पुस्तक का विंडसोर पार्क इंदिरापुरम गाजियाबाद प्रवास के दौरान पूज्यपाद ने निरीक्षण कर आशीर्वाद स्वरूप अपने हस्ताक्षर कर पुस्तक को जनसामान्य के उपलब्धता हेतु शुभारंभ किया।

Ravi sharma

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