रावत गये – रावत आये , उत्तराखंड की कमान तीरथ सिंह को-देहरादून

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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देहरादून — विगत चार दिनों से उत्तराखंड में जारी राजनीतिक गहमागहमी के बाद आखिरकार भाजपा सांसद तीरथ सिंह रावत नये मुख्‍यमंत्री बने। राजभवन में आयोजित समारोह में महामहिम राज्‍यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्‍हें मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। इससे पहले विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने तीरथ सिंह रावत को सर्वसम्‍मति से अपना नेता चुना। शपथ ग्रहण समारोह में सरकार के मंत्री समेत अनेक बड़े नेता उपस्थित रहे। बता दें कि उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अब उनका मौजूदा कार्यकाल 01 वर्ष 07 महीने का होगा। ऐसे मे चुनावी वर्ष में सभी को साधने और पार्टी को फूट से बचाने की उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम पद का शपथ लेने के बाद तीरथ सिंह रावत को बधाई दी है। उन्‍होंने ट्वीट किया- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई। उनके पास लंबा प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव है। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूता रहेगा। वहीं मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्राथमिकता के बारे में तीरथ सिंह रावत ने कहा-‘मैं आम जनता को विश्वास में लेकर आगे बढ़ने का काम करूंगा। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो काम किया उनको लेकर आगे बढ़ूंगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार धाम रोड प्रोजेक्ट और ऋषिकेश रेल परियोजना को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे , यहां की खेती, पर्यटन को आगे बढ़ाना मेरी प्राथमिकता होगी। मैंने आरएसएस में सबको साथ लेकर चलने की ट्रेनिंग पाई है। मैंने पूर्व पीएम अटल जी के साथ कार्यकर्ता के रूप में काम किया।

संक्षिप्त परिचय
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तीरथ सिंह का जन्म 09 अप्रैल 1964 को ग्राम सीरों , पट्टी असवालस्यूं , पौड़ी गढ़वाल में हुआ था , वर्तमान में वे पौड़ी लोकसभा सीट से ही सांसद हैं। इससे पहले साल 2012-2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं , वे भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। उन्होंने श्रीनगर गढ़वाल के बिरला कॉलेज से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट और पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया है। उन्होंने शुरू में पत्रकार बनने का सपना देखा लेकिन पढ़ाई पूरी करने के बाद वे आरएसएस के साथ बतौर सामाजिक कार्यकर्ता जुड़ गये। पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। वे वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखंड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गये थे। इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गये। वे वर्ष 2012 में चौबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुये और वर्ष 2013 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने। इसके बाद वर्ष 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया। इसके पहले वे महज बीस साल की उम्र में वर्ष 1983 से 1988 तक वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। तीरथ सिंह रावत के राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन में ही हो गई थी। वे हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। वे 90 के दशक में चले अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े और दो साल जेल में भी रहे। वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुये और विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गये। वे पौड़ी सीट से भारी मतों से लोकसभा का चुनाव जीते थे। उन्‍होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया था। पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।

Ravi sharma

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