यूके कोर्ट से नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण याचिका खारिज-लंदन

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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लंदन — पीएनबी घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी को ब्रिटिश हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने भारत प्रत्यर्पण से रोकने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दी है। याचिका खारिज होने के साथ ही वह भारत को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील के पहले चरण में ही हार गया। भारत प्रत्यर्पण के मामले में फैसले को चुनौती देने के लिये उसने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी। नीरव मोदी की याचिका में भारत में उचित मुक़दमा नहीं चलने और राजनीतिक कारणों से उसे निशाना बनाने की चिंता जाहिर की थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि भारत में जेलों की स्थिति खराब है और उसके खिलाफ सबूत कमजोर हैं। ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने 15 अप्रैल 2021 को 13500 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में वांछित हीरा कारोबारी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था। माना जा रहा है कि अब नीरव मोदी की भारत वापसी का रास्ता साफ हो सकता है।
25 फरवरी को ब्रिटेन की एक अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद नीरव मोदी ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था, जिसमें भारत के लिए उनके प्रत्यर्पण और यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल द्वारा 15 अप्रैल को मंजूरी देने का निर्देश हैं। हाईकोर्ट के जज ने प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र को पढ़ने के बाद फैसला लिया कि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिये मोदी के प्रत्यर्पण रोकने के लिये वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फरवरी के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट इसके पहले भी नीरव के जमानत के कई अर्जियों को खारिज कर चुका है। उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किये हैं। सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त , 2018 में मांगा गया था। घोटाले के बाद भारत से भागने वाला नीरव मोदी 19 मार्च 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर अपनी गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन में वंड्सवर्थ जेल में बंद है।

Ravi sharma

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