अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली — बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक आश्रय गृह में लड़कियों के साथ कथित दुष्कर्म एवं शारीरिक उत्पीड़न के मामले में आज दिल्ली की साकेत कोर्ट ने फैसला सुनाते हुये मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और 18 अन्य की सजा पर 11 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने मामले के अन्य दोषियों को भी अधिकतम सजा देने की मांग की थी। अदालत ने ठाकुर को 20 जनवरी को पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की संबंधित धाराओं के तहत बलात्कार तथा सामूहिक बलात्कार का दोषी ठहराया था. अदालत ने अपने फैसले में ठाकुर को धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 324 (खतरनाक हथियारों या माध्यमों से चोट पहुंचाना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), उकसाने, पॉक्सो कानून की धारा 21 (अपराध होने की जानकारी देने में विफल रहने) और किशोर न्याय कानून की धारा 75 (बच्चों के साथ क्रूरता) के तहत भी दोषी ठहराया है।