अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर — राज्य के प्रशासनिक इतिहास में आज पहला मौका था जब राज्य के सबसे बड़े अधिकारी हर वर्ग के लगभग एक हजार कर्मचारियो से सीधी चर्चा कर रहे थे। महानदी भवन परिसर स्थित मैदान में मंत्रालयीन-अधिकारी-कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण कार्यालय में सेवा दे रहे हैं इसकी कीमत सभी को समझनी होगी। आप किस जगह पर काम कर रहे थे इसकी कीमत आपको तब मालूम होगी जब आप रिटायर हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि आपकी अहमियत कितनी है वो उनसे पूछिये जो आपसे मिलने आते हैं। प्रदेश भर से लोग आपके पास आते हैं, उन्हें अनुमति लेकर आप तक पहुंँचनी होती है। उन्हें फोन करवाना होता क्योंकि उन्हें अंदर घुसने की अनुमति नहीं होती है।उन्होंने कहा कि यहां कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं बल्कि सभी मेरे मित्र हैं। चीफ सिकेरट्री ने सभी से आग्रह किया कि वो अपने व्यवहार में विनम्रता लायें। इंकार भी ऐसा हो कि सामने वाले को बुरा ना लगे। कर्मचारियों-अधिकारियों को उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की और बेहतर छवि के निर्धारण का दायित्व मंत्रालयीन कर्मियों का भी है। अतः वे सभी अपने शासकीय कार्यो के माध्यम से आम जनता तक यह संदेश पहुंचायें कि छत्तीसगढ़ की सरकार संवेदनशील सरकार है। मंत्रालय में विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न प्रकार की समस्याओं, मांगों को लेकर आने वाले जनप्रतिनिधि-आम जनता को यह संतुष्टि होनी चाहिये कि उनकी बात पूरी गंभीरता से सुनी गयी और उनके समस्याओं का निराकरण किया जायेगा। आवेदकोें को स्पष्ट जानकारी दी जायज कि उनके आवेदन पर किनके द्वारा कार्रवाही की जायेगी। एक ही काम लेकर उन्हें बार-बार मंत्रालय न आना पड़े यह सुनिश्चित किया जाये। श्री मण्डल ने कहा है कि कार्यालय में अनुशासन बनाये रखना भी श्रेष्ठ कर्मियों की पहचान है। अतः कार्यालय के निर्धारित समय का पालन करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगवा, सचिव श्री डी.डी.सिंह, सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, मंत्रालय के रजिस्ट्रार श्री बी.एस. कुशवाहा सहित मंत्रालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।