अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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देहरादून – महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द अपने दो दिवसीय दौरे पर आज शाम वायुसेना के विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचे। जहां राज्यपाल समेत प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज , देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा , आईजी वी० मुरुगेशन ने उनका स्वागत किया। यहां से वे हेलीकॉप्टर से जीटीसी हेलीपैड पहुंचे और उसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से सीधे राजभवन पहुंचे , जहां वे आज रात्रि विश्राम करेंगे। पुलिस की ओर से डोईवाला से कैंट और यहां से राजभवन तक यातायात डायवर्ट किया हुआ है। महामहिम राष्ट्रपति कल शनिवार को सुबह यहां होने वाली भारतीय सैन्य अकादमी के ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग के सामने आयोजित पासिंग आउट परेड में सलामी लेंगे और पासिंग आउट बैच के कैडेट्स को संबोधित करेंगे। हालांकि सीडीएस बिपिन रावत के निधन के चलते कल होने वाली पासिंग आउट परेड सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न होगी। शेड्यूल में पूर्व निर्धारित मल्टी एक्टीविटी डिस्प्ले व लाईट एवं साउंड शो को राष्ट्रीय शोक के चलते रद्द कर दिया गया है। इस परेड में पहले सीडीएस बिपिन रावत का भी संबोधन था , लेकिन हेलिकॉप्टर क्रेश होने के बाद घटनाक्रम से अचानक सब कुछ बदल गया। सेना मुख्यालय से दिशा निर्देश मिलने के बाद अकादमी प्रबंधन ने यह जानकारी दी है।आईएमए के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हिमानी पंत ने बताया कि कोविड- 19 प्रोटोकॉल और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुये मीडिया कवरेज का दायरा भी सीमित रखा गया है। हालांकि पासिंग आउट परेड कार्यक्रम को घर बैठे देखा जा सकेगा , इसके लिये परेड का लाइव प्रसारण किया जायेगा जिसे मीडिया संस्थानों को भी मुहैया कराया जायेगा। पासिंग आउट परेड में इस बार 319 भारतीय और 68 मित्र देशों (अफगानिस्तान , भूटान , श्रीलंका , नेपाल , मालदीव , म्यांमार , तंजानिया और तुर्कमेनिस्तान) के यानि कुल 387 जेंटलमैन कैडेट कदमताल करेंगे। पासिंग आउट परेड में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा जायेगा , इसलिये जेंटलमैन कैडेट्स के स्वजनों को ही पास जारी किये गये हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुये पिछले जून में हुये पासिंग आउट परेड में परिजनों को आमंत्रित नहीं किया गया था , लेकिन इस बार आईएमए प्रशासन ने परिजनों को भी पीओपी में शामिल होने की अनुमति दे दी है। पिछले बार परिजनों के शामिल ना होने से सैन्य अफसरों और उनके परिजनों ने जेंटलमैन केडेट्स के कंधों पर पीप्स – सितारे सजाये थे लेकिन इस बार परिजन अपने लाड़लों के कंधों पर पीप्स सजायेंगे। हालांकि इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पूरा ख्याल रखा जायेगा। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुये सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पासिंग आउट परेड के बाद राष्ट्रपति वापस राजभवन पहुंचेंगे और फिर यहीं से दिल्ली लौट जायेंगे।राष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चौकस करने के साथ ही विभिन्न अधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंप दी है। पासिंग आउट परेड के बाद राष्ट्रपति वापस राजभवन पहुंचेंगे और फिर यहीं से दिल्ली लौट जायेंगे। राष्ट्रपति प्रवास के मद्देनजर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ यातायात का भी प्लान तैयार किया है। इसके लिये जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर आईएमए तक विभिन्न स्थानों से रूट डायवर्जन व्यवस्था रहेगी। यह व्यवस्था उनके काफिला निकलने से पहले से ही लागू कर दी जायेगी। कल शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पासिंग आउट परेड में शिरकत करने के मद्देनजर जौलीग्रांट एयरपोर्ट , भानियावाला तिराहा , रिस्पना , रायपुर , ईसी रोड , न्यू कैंट रोड , विजय कॉलोनी पुल , राजभवन , सीएम आवास तिराहा , जीटीसी हेलीपैड , गढ़ी कैंट चौक , कौलागढ़ चौक , एफआरआई क्षेत्र के अंतर्गत , बल्लूपुर चौक , आईएमए क्षेत्र के अंतर्गत आदि सभी वीवीआईपी मार्गों पर यातायात डायवर्ट और जीरो जोन रहेगा।
सैन्य अकादमी का इतिहास
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भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना वर्ष 1932 में हुई थी। पहले बैच में 40 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल थे। पहले बैच 1934 में पासआउट हुआ था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ इसी पहले बैच के छात्र थे। पहले बैच में शामिल स्मिथ डन ने बर्मा और मुहम्मद मूसा खान ने पाकिस्तान की सेना का नेतृत्व किया। स्थापना से लेकर अब तक भारतीय सैन्य अकादमी देश और दुनियां की सेना को 63 हजार 381 युवा अफसर दे चुकी है , इनमें 34 मित्र देश के 2656 विदेशी कैडेट भी शामिल है। यह अकादमी अब तक देश और दुनियां को 62 हजार से ज्यादा सैन्य अफसर दे चुकी है। इसमें 2500 विदेशी सैन्य अफसर भी शामिल हैं।