मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र 21 सितंबर से , अधिसूचना जारी-भोपाल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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भोपाल — लंबे इंतजार के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 21 से 23 सितंबर तक चलेगा। राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में कहा गया है कि ‘मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का सप्तम सत्र सोमवार, दिनांक 21 सितंबर 2020 से आरंभ होकर बुधवार, दिनांक 23 सितंबर 2020 तक आहूत किया गया है। राज्यपाल महोदया द्वारा अनुमोदित तदाशय की अधिसूचना विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी कर दी गई। विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी सिंह के अनुसार इस तीन दिवसीय सत्र में सदन की कुल तीन बैठकें होंगी, जिसमें महत्वपूर्ण शासकीय विधि विषयक एवं वित्तीय कार्य संपादित किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि पंद्रहवीं विधानसभा का सप्तम सत्र होगा।’ विधानसभा सत्र के पहले दिन श्रद्धांजलि के बाद विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जायेगा , जिसके बाद सदन की कार्यवाही औपचारिक रूप से शुरु होगी। दूसरे दिन अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया की जायेगी। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश विधानसभा के इस सत्र के दौरान शिवराज सरकार अपना बजट भी पेश करेगी। इसके अलावा कुछ अहम अध्यादेशों को भी विधानसभा से पारित करवाया जायेगा।

गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई में जब विधानसभा का सत्र आहूत किया जाना था लेकिन कोरोना की वजह से उसे सर्वदलीय बैठक में सहमति के बाद टालने का फैसला ले लिया गया था। चूकि इससे पहले विधानसभा का सत्र 24 मार्च को आहूत किया गया था और उसके बाद कोरोना की वजह से सत्र आहूत नहीं हो पाया। संवैधानिक नियमों के मुताबिक विधानसभा के दो सत्रों के बीच 06 महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं हो सकता। यही वजह है कि 24 सितंबर से पहले सत्र आहूत करना अनिवार्य था। उधर विपक्ष लंबे वक्त से सरकार को घेरने के लिये विधानसभा सत्र का इंतजार कर रहा है। यह माना जा रहा है कि 21 सितंबर से जो सत्र आहूत किया जायेगा उसमें कांग्रेस, शिवराज सरकार को घेरने के लिये खास रणनीति तैयार करने जा रही है।कांग्रेस का निशाना सबसे ज्यादा उन मंत्रियों पर होगा जो विधायक नहीं रहते हुए भी मंत्री बन गये हैं। इसके साथ ही किसान बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर भी कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। वहीं सरकार के लिये यह सत्र इसलिये भी अहम है कि बजट के साथ उसे कई अहम बिल कानूनी तौर पर पारित करवाने हैं।

Ravi sharma

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