भारत बंद आज , गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — पाँच बार केन्द्र सरकार से बैठकों का दौर चलने के बाद भी सकारात्मक परिणाम नही मिलने से नये कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ कल किसान संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इस बंद को देश के दर्जनों राजनीतिक दलों का भी समर्थन है, ऐसे में अब सरकार बंद को लेकर सतर्क है। भारत बंद से ठीक पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देशव्यापी परामर्श में कहा है कि राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिये कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाये और सामाजिक दूरी बनाये रखी जाये। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया है कि ‘भारत बंद’ के दौरान शांति और धैर्य बनाये रखा जाये और एहतियाती कदम उठाए जायें ताकि देश में कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हो। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि बंद के दौरान लोगों को होने वाली किसी भी समस्या के लिये केंद्र जिम्मेदार होगा।
गौरतलब है कि किसानों की ओर से दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिनों से धरना दिया जा रहा है। दिल्ली से जुड़ी कई सीमायें बंद हैं और अब किसानों ने ही आज भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों के ऐलान के बाद कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी , टीएमसी , डीएमके, आम आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों के अलावा कई यूनियनों ने भी किसानों के भारत बंद के समर्थन की बात कही है। किसान-सरकार के बीच कल 09 दिसंबर को फिर छठवीं बैठक होनी है , अब तक किसानों और सरकार के बीच पाँच बार बैठकें हो चुकी है लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। पिछली बैठक में किसानों ने सरकार से सीधे हांँ या ना में जवाब मांँगा था और कृषि कानून वापस लेने को कहा था। मगर आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने इससे दूरी बना ली है। भारतीय किसान संघ ने कहा है कि जब दोनों पक्ष 09 दिसंबर को फिर से वार्ता करने के लिये सहमत हुये हैं तो फिर 08 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा उचित नहीं है। वहीं किसानों का कहना है कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। कल होने वाला भारत बंद सांकेतिक विरोध है कि हम कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। हम आम लोगों के लिये दिक्कत पैदा नही करना चाहते हैं। लोग अपनी दफ्तर जा सकते हैं , शादी, एम्बुलेंस , आपातकालीन सेवाओं को कोई दिक्कत नहीं आयेगी। वहीं भारत बंद के दिन किसान संगठनों ने दूध, फल और सब्जी की सेवाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है। दिल्ली में कुछ ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया है। इस कारण शहर में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कई अन्य संघों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के बावजूद सेवायें सामान्य तौर पर जारी रखने का निर्णय लिया है। तीन राज्यों हरियाणा , पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियाँ बंद रहेंगी। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि वे आंदोलनरत किसानों के साथ है लेकिन राज्य में भारत बंद का समर्थन नही करेगी क्योंकि यह हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके अलावा महाराष्ट्र और आसाम की सरकारों ने भी बंद का समर्थन किया है।

Ravi sharma

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