भारत की आत्मा वनवासी क्षेत्रों में बसती है — राष्ट्रपति

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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सोनभद्र — भगवान श्री रामचन्द्र जी ने बनवासियों को अपने साथ जोड़कर ही असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त की थी। इससे हमें सीख लेते हुये पूरा प्रयास किया जाना चाहिये कि यदि देश और समाज को आगे बढ़ाना है तो आदिवासी वनवासी समाज को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाये।
उक्त बातें सोनभद्र जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर चपकी स्थित सेवा समर्पण संस्थान द्वारा आयोजित वनवासी सेवा आश्रम समागम कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही।राष्‍ट्रपति ने संबोधन की शुरुआत में लोगों से उनकी ही भाषा में संवाद किया और कहा कि – ‘सबन भाई-बहिनी को जोहार ! माई बिंध्यवासिनी अउर ज्वाला देवी के आसीरबाद लेवे के खातिर अउर अपने बनवासी समाज के भाई-बहिनी से मिले हम ई सोनाञ्चल में आज आइल हई। आज मुझे भगवान बिरसा मुंडा जी का स्मरण हो रहा है। उन्होंने अंग्रेजों के शोषण से वन संपदा और वनवासी समुदाय की संस्कृति की रक्षा के लिये अनवरत युद्ध किया और शहीद हुये। उनका जीवन केवल जनजातीय समुदायों के लिये ही नहीं बल्कि सभी देशवासियों के लिये प्रेरणा और आदर्श का स्रोत रहा है। गौरतलब है कि सोनभद्र में पहली बार कोई राष्ट्रपति पहुंचा है। वे यहां सेवाकुंज आश्रम में नवनिर्मित स्कूल , छात्रावास आदि का लोकार्पण करने पहुंचे थे। महामहिम राष्ट्रपति के हैलीपेड पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने आश्रम के विभिन्न पदाधिकारियों से मुलाकात की। उनका कुशल क्षेम जाना और सोनभद्र व आसपास की सीमाओं से सटे इलाकों के बारे में जानकारी ली। फिर उन्होंने आश्रम का भ्रमण कर यहां गुरुकुल पद्धति से हो रही पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने छात्रावास के निर्माण के लिये भूमिपूजन किया फिर मंच पर पहुंचे। वहां उन्होंने रिमोट से अंत्योदय छात्र कुल बिरसा मुंडा बनवासी विद्यापीठ का लोकार्पण किया। बनवासियों की परंपरागत लोक नृत्य कर्मा के कलाकारों ने हैलीपैड से लेकर मंच तक किनारे खड़े होकर अपनी कला , नृत्य से महामहिम राष्‍ट्रपति की आगवानी की। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सोनभद्र चार प्रदेशों की सीमाओं से घिरा हुआ है, ऐसे स्थान पर स्कूल और हास्टल संचालित होने से उत्तरप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाक़ों के वनवासी छात्रों को भी लाभ होगा। उन्होने कहा कि वनवासी क्षेत्र उनके लिये तीर्थस्थल जैसे हैं। यदि वनवासी प्रोत्साहित हों तो देश ही नहीं विदेशों में भी भारत का नाम रोशन करेंगे। पिछड़ा,दलित एवं आदिवासियों , वनवासियों का विकास ज़रूरी है। उन्होंने एनटीपीसी द्वारा निर्माण कार्य कराये जाने पर उनकी सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से केंद्र सरकार से तालमेल बैठाकर यहां के निवासियों को आगे बढ़ाने में योगदान करने की बात कही। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आत्मा वनवासी आदिवासी क्षेत्रों में बसती है यदि कोई भी इस कल्चर से परिचित होना चाहता है तो उसे सोनभद्र जैसे ज़िलों में समय बिताना चाहिये। आदिवासी समाज के विकास के बिना समग्र विकास अधूरा है। केंद्र और राज्य की सरकारें इनके विकास के अनेक कार्यक्रम चला रहे हैं। वनवासी समाज की अनेक प्रतिभाओं ने देश में अच्छा कार्य किया। विलुप्त होती जा रही वनवासी कलाओं के विकास के लिये सेवा समर्पण संस्थान कार्य कर रहा है यह देखकर ख़ुशी हो रही है। उन्होने कहा कि महापुरुषों की स्मृतियों और लोक कलाओं तथा गीतों के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। आशा करता हूँ कि वनवासी क्षेत्रों के विकास के लिये और कार्य भी प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता रहेगा। महामहिम कोविंद ने सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित उक्त सेवा कुंज आश्रम परिसर में निर्मित स्कूल ,छात्रावास और भोजनालय भवनों का लोकार्पण किया। उक्त निर्माण एनटीपीसी रिहंद द्वारा सीएसआर के तहत कराया गया था। एनटीपीसी द्वारा लगभग ग्यारह करोड़ रुपयों की लागत से 18 क्लासरूम और 24 कमरों के छात्रावास का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही कई कमरों का भी निर्माण चल रहा है। इसके अतिरिक्त अबाध विद्युत आपूर्ति के लिये 40 किलोवाट का सोलर पावर भी स्थापित किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सम्बोधित करते हुये कहा कि सोनभद्र वनवासी समुदाय का एक महत्वपूर्ण केंद्र है जिनके लिये प्रदेश सरकार सारी सुविधाएं मुहैया करा रही है । उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है कि वनवासी समाज ने ना सिर्फ आजादी की लड़ाई बल्कि समाज को एक सांस्कृतिक विरासत देने का भी काम किया है। इसी कड़ी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उपस्थित वनवासी समुदाय को सम्बोधित करते हुये कहा कि हमारी आदिवासी संस्कृति हमे बहुत कुछ सिखाती है जिसे आत्मसात करने की जरूरत है। उक्त सभी कार्यक्रमों में महामहिम राष्ट्रपति के साथ भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद , उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

Ravi sharma

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