दाई , बहिनी अऊ बेटी छत्तीसगढ़ के शान – सीएम बघेल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियावार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी का प्रसारण आज हुआ , इस कड़ी में उनकी मातृशक्ति से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ बातचीत का प्रसारण किया गया , कुल मिलाकर मार्च महीने का लोकवाणी मातृशक्तियों के लिये समर्पित रहा। सर्वप्रथम मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ी भाषा में मातृशक्तियों का अभिवादन करते हुये कहा कि दाई , दीदी , बहिनी , बेटी मन ला मोर डहर ले परनाम। लोकवाणी के सब्बो सुनइया मन ला मोर जय जोहार , नमस्कार , जय सियाराम। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा , सेहत , स्वावलम्बन और आत्मसम्मान के लिये ठोस काम किये हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुये कहा कि नारी शक्ति की भागीदारी से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी योजनाओं , छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म होगा और यह आर्थिक क्रांति विकास का एक टिकाऊ मॉडल बनकर पूरी दुनियां में नाम कमायेगा। वनांचलों और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वावलंबन के लिये प्रारंभ की गई योजनाओं से महिलायें बड़ी संख्या में स्वावलंबी बन रही हैं। ग्राम सुराजी योजना , गोधन न्याय योजना , लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी और गौठानों में संचालित योजनाओं को माता-बहनों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के सफल संचालन के पीछे वास्तव में नारी की शक्ति होगी। सीएम बघेल बघेल ने कहा कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें इसके लिये भर्ती , पदोन्नति , दस्तावेज की छान-बीन के लिये जो समिति गठित की जायेगी उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रखने का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के लिये आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है जिनमें महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। महिला स्व-सहायता समूह में एक लाख 85 हजार महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वावलंबन की गतिविधियों से जोड़ा गया है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिये प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नये पदों का सृजन किया गया है। नये बजट में 09 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिये 370 थानों में हेल्पडेस्क संचालित किये जा रहे हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य और सुपोषण के लिये मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान , दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक , मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना , मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना , संजीवनी एक्सप्रेस , 102 महतारी एक्सप्रेस जैसी योजनायें प्रारंभ की गई हैं जिनका लाभ महिलाओं को मिल रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक वर्ष में एक लाख बच्चे कुपोषण से हुये मुक्त साथ ही 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य तय किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के हित में किये जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुये कहा कि हम छत्तीसगढ़ की कल्पना ही छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में करते हैं। छत्तीसगढ़ को मां के रूप में , मातृशक्ति के रूप में , देखने और समझने का विचार हमें अपने पुरखों से विरासत में मिला है। राज्य सरकार ने डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी गीत ‘अरपा, पइरी के धार – महानदी हे अपार। इंद्रावती ह पखारे तोर पइयां, महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो-जय हो छत्तीसगढ़ मइया’ ।। को राज्य गीत घोषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह हमने महिलाओं के प्रति अपनी सरकार की प्राथमिकता को स्पष्टतः घोषित किया है। हमारे छत्तीसगढ़ में दंतेश्वरी- बम्लेश्वरी-महामाया- चंद्रहासिनी- दुर्गा- शीतला और देवी के हर स्वरूप को पूजा जाता है। इस तरह हमारे जनमानस में मातृशक्ति की आराधना का जो भाव है, उसे हमने नये ढंग से प्रतिष्ठित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आदर देने का संस्कार जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उनके अधिकारों की रक्षा करना , उनकी शिक्षा , सेहत , स्वावलम्बन, आत्मसम्मान के लिये सतत प्रयास करना। राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस काम किये हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों में , शहरी बस्तियों में महिलाओं तक सरलता से स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के लिये अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना , मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना , दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक , संजीवनी एक्सप्रेस , 102 महतारी एक्सप्रेस , ग्रामीण चलित चिकित्सा इकाई , हमर अस्पताल योजना , हमर लैब योजना , मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान , मितानिन प्रोत्साहन राशि भुगतान सॉफ्टवेयर आदि उपायों से महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच , उपचार तथा सहायक सेवाओं का काम किया जा रहा है। शिक्षा के अधिकार के तहत 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ बालिकाओं को भी मिल रहा है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नये पदों का सृजन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की साक्षरता दर कम रही है। राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता अभियान नहीं चलाये जाने के कारण राज्य को होने वाले नुकसान की भरपाई हमारी नई ‘पढ़ाई-लिखाई योजना’ की जायेगी , जिसका लाभ महिलाओं को होगा। महिला पुलिस तथा स्वयंसेविका योजना के तहत महिला अधिकारों के संरक्षण के लिये दो जिलों में साढ़े चार हजार से अधिक स्वयंसेविकायें काम कर रही हैं। यह प्रयोग सफल होने पर अन्य जिलों में भी लागू किया जायेगा। बेटियों के जन्म को सकारात्मक रूप में लेने की प्रेरणा का संचार करने हेतु ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ शुरू की जा रही है। योजना में दूसरी संतान के रूप में बेटी जन्म होने पर आर्थिक मदद की जायेगी। विभिन्न जिलों में कामकाजी महिला छात्रावास की स्थापना की जा रही है। हमने 2023 तक सभी 45 लाख ग्रामीण घरों में नलों से शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। मेरा मानना है कि इस सुविधा से महिलाओं को बहुत लाभ मिलेगा। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिये 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित है। लोकवाणी में अनेक ग्रामीण महिलाओं ने ग्रामीण और वनांचलों के महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिये संचालित की जा रही योजनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत बहन बेटियों के विवाह पर प्रसन्नता प्रकट करते हुये कहा कि निश्चित तौर पर यह मेरे लिये सौभाग्य और प्रसन्नता का विषय है। हर मां-बाप का सपना होता है कि उसकी बेटी का विवाह अच्छे से हो और यदि कोई बेटी संकट में है तो सरकार और समाज की जिम्मेदारी है कि वह माता-पिता की भूमिका निभाये। मुझे यह कहते हुये संतोष होता है कि हमने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामान्य जोड़े के लिये सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार और दिव्यांगजन के लिये 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये की है। मैं चाहूंगा कि सभी बेटियां अपने नये घर-संसार में सुखी रहें। उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी 2021 को इस योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में 03 हजार 229 बेटियों का विवाह संपन्न हुआ। गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में छत्तीसगढ़ के नाम यह कीर्तिमान दर्ज किया गया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि निश्चित तौर पर कोरोना-कोविड-19 देश और दुनियां के लिये एक नये तरह का संकट था। इस संकट से निपटने में हमें जो सफलता मिली है, उसमें नारी शक्ति का बड़ा योगदान है। अपने परिवार को संभालने , घर-गृहस्थी के साथ आजीविका संभालने की जिम्मेदारी आप लोगों ने बखूबी निभाई है। इस दौरान हमारे गांवों में खेती-किसानी का काम भी हुआ, जंगलों में वनोपज संग्रह , महात्मा गांधी नरेगा के तहत रोजगारक्ष, आंगनबाड़ी तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में महिलाओं का योगदान अभूतपूर्व रहा है। जहां तक ट्रेन व बस सुविधायें शुरू करने का सवाल है तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारत सरकार जितनी जल्दी रेल परिवहन को सामान्य करें। राज्य सरकार के स्तर पर हम पूरा सहयोग करेंगे। वहीं प्रदेश में बस सेवायें सामान्य करने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु जो अनेकों योजनायें चल रही हैं , हमारी इन सभी योजनाओं को माताओं , बहनों , बेटियों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है इसलिये मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।

Ravi sharma

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