भारतीय रेलवे के इतिहास में आज से नये अध्याय की शुरुआत – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

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नई दिल्ली – विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अगले अमृत काल के प्रारंभ में नई ऊर्जा है , नई प्रेरणा है , नये संकल्प है।इसी आलोक में आज भारतीय रेल की इतिहास में भी एक नये अध्याय की शुरुआत हो रही है। भारत के करीब 1300 मुख्य रेलवे स्टेशन अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किये जायेंगे। उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ 508 अमृत भारत स्टेशनों का पूर्ण विकास का काम शुरू हो रहा है और इस 508 अमृत रेलवे स्टेशन के निर्माण पर करीब 25000 करोड रुपये खर्च किये जायेंगे।

उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अमृत भारत स्टेशन लांच करते हुये कही। इस अवसर पर उन्होंने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखते हुये रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधायें उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह देश के इन्फ्राट्रक्चर के लिये रेलवे के लिये और और देश के सामान्य नागरिकों के लिये बड़ा अभियान होगा। इसका लाभ देश के लगभग सभी राज्यों को मिलेगा। जैसे यूपी में इसके लिये करीब 4:30 करोड़ शिखर से 55 अमृत स्टेशनों का निश्चित किया है। राजस्थान के भी 55 रेलवे स्टेशन अमृत भारत स्टेशन बनेंगे। एमपी में 1000 करोड रुपये के खर्च से 34 रेलवे स्टेशन बनने वाले हैं। महाराष्ट्र में 44 रेलवे के विकास के लिये डेढ़ हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। तमिलनाडु और कर्नाटक में भी प्रमुख स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस ऐतिहासिक अभियान के लिये रेल मंत्रालय की सराहना करता हूं और सभी को बधाईयां देता हूं। आज पूरी दुनियां की कश्ती भारत में है , वैश्विक स्तर पर भारत साथ खड़ा है। भारत को लेकर दुनियां का नजरिया बदला है और इसकी दो प्रमुख बातें हैं दो मुख्य वजह है। पहली अब देशवासी भारत के लोग करीब-करीब करीब तीन दशक बाद देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। पूर्ण बहुमत की सरकार ने उसी स्पष्टता के साथ जनता जनार्दन की उनकी भावना का आदर करते हुये बड़े-बड़े निर्णय लिये हैं। चुनौतियों के स्थाई समानता के लिये अभी तक काम भी आज भारतीय रेलवे में इसका प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में रेलवे में ही जितना काम हुआ है, उसके आंकड़े उसकी जानकारी हर किसी को प्रसन्न में भी करती है , हैरान भी करती है। जैसे दुनियां में साउथ अफ्रीका , इंग्लैंड-यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेलवे है , उससे ज्यादा रेलट्रेक हमारे देश में है। इन 09 वर्षों में बिछाये गये हैं। साउथ कोरिया , न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का जितना नेटवर्क है , उससे ज्यादा भारत में अकेले पिछले साल बनाये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आधुनिक ट्रेनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। आज देश का लक्ष्य है रेलवे यात्रा की सुविधा हर नागरिक के लिये सुलभ भी हो , और सुखद भी हो। पीएम मोदी ने आगे कहा कि रेलवे में जिस तरह से काम हुआ है , किसी भी प्रधानमंत्री का मन करेगा कि इनका जिक्र 15 अगस्त को लाल किले से करे। जब 15 अगस्त सामने है तो मन बहुत लालायित होता है कि उसी दिन इसकी चर्चा करूं। आज यह इतना विराट आयोजन हो रहा है , देश के कोने-कोने से लोग जुड़ें हैं और मैं अभी इस बात पर इतने विस्तार से चर्चा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि हमारा जोर भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर है। वर्ष 2030 तक भारत एक ऐसा देश होगा जिसकी रेलवे नेट जीरो उत्सर्जन पर चलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर विपक्ष के रवैये पर भी तंज कसते हुये कहा कि विपक्ष का रवैया नकारात्मक राजनीति का रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सकारात्मक राजनीति का है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुये कहा कि विपक्ष के एक धड़े ने संसद की नई इमारत का भी विरोध किया , कर्तव्य पथ के निर्माण का भी विरोध किया। इतना ही नहीं सत्तर साल तक नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बन पाया , लेकिन जब हमने इसे बनाया तो इसकी भी सरेआम आलोचना की गई। सरदार वल्लभ भाई के मुर्ति को लेकर विरोध किया। इनका (विपक्ष) एक भी नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर नहीं गया। उन्होंने कहा कि हर भारतीय के लिये अगस्त बहुत विशेष महीना होता है। ये महीना क्रांति का है , कृतज्ञता का है और कर्तव्य भावना का है। पीएम मोदी ने कहा कि हम पूरे देश में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। सबका साथ सबका विकास के लिये जी जान से जुटे हैं। रेलवे ने डेढ़ लाख से ज्यादा युवाओं को पक्की नौकरी दी है। गौरतलब है कि भारत के करीब 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशन अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किये जायेंगे और उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ होगा। इससे देश के सभी राज्यों को लाभ मिलेगा। इस योजना के पहले फेज में 508 स्टेशनों को शामिल किया गया है , ये देश के 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। पहले चरण में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55 , बिहार में 49 , महाराष्ट्र में 44 , मध्यप्रदेश में 34 , पश्चिम बंगाल में 37 , असम में 32 , ओडिशा में 25 , पंजाब में 22 और गुजरात-तेलंगाना में 21-21 स्टेशनों को विकसित किया जायेगा। इसके अलावा झारखंड में 20 , आंध्रप्रदेश-तमिलनाडु में 18-18 स्टेशन , हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशनों को री-डेवलप किया जायेगा। इसमें कुल 24,470 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

Ravi sharma

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