ब्रिटेन में किंग चार्ल्स तृतीय की हुई भव्य ताजपोशी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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लंदन – ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय और रानी कैमिला का वेस्टमिंस्टर एब्बे चर्च में आज राज्याभिषेक किया गया। ब्रिटेन के शाही परिवार का सत्तर साल बाद राज्याभिषेक समारोह हुआ है। इससे पहले महारानी एलिजाबेथ की ताजपोशी वर्ष 1953 में हुई थी , तब वह सत्ताईस साल की थीं। आज हुये इस ताजपोशी में महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी कैमिला राज्याभिषेक के लिये घोड़े से चलने वाली बग्घी में बैठकर वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचे। जहां कार्यक्रम में पहुंचे करीब दो हजार मेहमानों के सामने चार्ल्स तृतीय को यूनाइटेड किंगडम के राजा का ताज पहनाया गया , वहीं उनकी पत्नी कैमिला आधिकारिक रूप से रानी बन गईं।शाही चर्च वेस्टमिंस्टर एबे में किंग चार्ल्स सात सौ साल पुरानी कुर्सी के बगल में खड़े हुये। केंटरबरी के आर्कबिशप ‘ईश्वर सम्राट की रक्षा करें’ का उद्घोष किये। चार्ल्स ने कानून और चर्च ऑफ इंग्लैंड को कायम रखने की शपथ ली , फिर राजतिलक कुर्सी पर बैठे।‌आर्कबिशप उनके हाथों और सिर पर पवित्र तेल से अभिषेक किये , ये पवित्र तेल जिस ऐतिहासिक चम्मच से छिड़का गया वह बारहवीं सदी की है। इसके बाद सम्राट को धार्मिक और नैतिक अधिकारों का प्रतीक एक शाही गोला व राजदंड प्रदान किया गया। अंत में उनके सिर पर सेंट एडवर्ड का ताज रखा गया और यही प्रक्रिया महारानी कैमिला के राज्याभिषेक में भी अपनाई गई।ताजपोशी के वक्त किंग को सेंट एडवर्ड का ताज पहनाया गया. ये गोल्ड, रूबी, सिल्वर और सैफायर से बना है और इसका वजन 2.23 किलोग्राम है. इसके बाद वापस जाते वक्त किंग चार्ल्स को इम्पीरियल स्टेट क्राउन पहनाया गया। ताजपोशी के बाद सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल लौटे।‌ यह बग्घी वर्ष 1830 के बाद से हर राज्याभिषेक में इस्तेमाल होती रही है। चार टन की यह बग्घी वर्ष 1767 से शाही परिवार के पास ही है। यह पहला मौका रहा जब राज्याभिषेक के अनुष्ठान में बौद्ध , हिंदू , यहूदी , मुस्लिम और सिख धर्मगुरु भी शामिल हुये।

मैं यहां सेवा करने आया हूं – किंग चार्ल्स
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किंग चार्ल्स तृतीय ने ब्रिटेन के महाराजा के रूप में शपथ लेते हुये कहा कि मैं यहां सेवा लेने नहीं सेवा करने आया हूं। मैं सत्यनिष्ठा और ईमानदारी से यह स्वीकार करता हूं और घोषणा करता हूं कि उन अधिनियमों के सच्चे इरादे के अनुसार काम करूंगा जो सिंहासन पर प्रोटेस्टेंट उत्तराधिकार को सुरक्षित करते हैं और कानून के अनुसार अपनी सर्वोत्तम शक्तियों के तहत उक्त अधिनियमों को बनाये रखूंगा। बताते चलें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ही चार्ल्स को सम्राट का दर्जा मिल गया था , लेकिन उन्हें वास्तव में ताज पहनाने की शाही परंपरा आज अपनाई गई। किंग चा‌र्ल्स की ताजपोशी के कार्य में शामिल करीब चार लाख लोगों को धन्यवाद मेडल भी दिया गया। इसमें ब्रिटिश सैन्य अधिकारी , आपात सेवा से जुड़े फ्रंटलाइनर , पुलिस अधिकारी आदि शामिल थे।

Ravi sharma

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