प्रवासी भारतीयों का भारत की तरक्की में अहम योगदान – महामहिम राष्ट्रपति

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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इंदौर – भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना से काम में लगा है। आज कई चुनौतियां हैं , फिर भी भारत विश्व के साथ मिलकर इनसे निपटने में लगा है। हर क्षेत्र में भारतीय एक ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरा समुदाय है , यहां तक कि विश्व की लीडरशिप पोजिशन पर भी। कठिन परिश्रम से हमने जीवन के हर क्षेत्र में चुनौतियों के बीच उपलब्धियां हासिल की है। कला , साहित्य , व्यापार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी हर क्षेत्र में ऐसा है। यह मंच भारत और भारत के बाहर की उपलब्धियों की प्रशंसा के लिये नहीं है। बल्कि ये भारत के उस विश्वास को परिलक्षित करता है जिसमें ये विश्वास समाहित है कि हम ऊंची उड़ान भर सकते हैं। जिन प्रवासी भारतीयों को सम्मान मिला उन्हें मैं शुभकामना देती हूं और कामना करती हूं कि ये भविष्य में आपको महान उपलब्धियों के लिये प्रेरिता करेगा। अंतिम दो दशक में प्रवासी भारतीय सम्मेलन आपके और भारत के बीच संवाद का बेहतर माध्यम बनकर उभरा है।
उक्त बातें महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज इंदौर में आयोजित तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करने के बाद संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि वे इस समारोह में आकर प्रसन्‍न हैं। दुनियां भर से यहां पहुंची हस्तियो का आभार , जो उन्होंने प्रवासी भारतीयों के लिये आयोजित सम्मेलन में भाग लिया। मुझे उम्मीद है कि जिन्हें भी सम्मान मिला है , यह उन्हें भविष्य में और बेहतर करने के लिये प्रेरित करेगा। यह एक यूनिक प्लेटफॉर्म है, जो भारत और प्रवासी समुदाय को जोड़ता है। महात्मा गांधी नौ जनवरी को भारत लौटे थे और इसी की याद में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत काल में भारत की प्रगति में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका है। सरकार ने कई पहल की है। यह प्रवासी भारतीयों के हितों का ध्यान रखने के लिये है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीयों की हमारे दिलों में खास जगह है। वे न केवल हमारे विस्तारित परिवार के सदस्य हैं , बल्कि उनका भारत की तरक्की में अहम योगदान रहा है। उन्‍होंने आयोजन की तारीफ करते हुये गुयाना और सूरीनाम के राष्‍ट्रप‍ति की इस आयोजन में मौजूदगी को लेकर भी खुशी व्‍यक्‍त की। राष्‍ट्रपति ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन की सराहना करते हुये कहा कि यह आयोजन काफी महत्‍वपूर्ण है।राष्‍ट्रप‍त‍ि ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी कड़ी मेहनत से देश का नाम रोशन किया है। प्रवासी भारतीय एक यूनिक प्लेटफार्म है और आप लोगों से ती दिन हुई चर्चा हमारे लिये अमूल्य है।उन्होंने आगे कहा आप जानते हैं कि आजादी का अमृत महोत्सव आजादी के पचहत्तर साल पूरे होने पर मनाया जा रहा है। ये उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने देश की तरक्की के लिये अब तक अहम योगदान दिया और जिन्होंने हमारे विजन आत्मनिर्भर भारत के लिये काम किया। इस अमृतकाल में प्रवासी भारतीय विश्वसनीय सहयोगी हैं। सीएम शिवराज की पहल पर हमारी सरकार प्रवासियों के हित में काम करने को प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि प्रवासी भारतीय अलग-अलग देशों में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उनकी सफलता की बदौलत विदेशी धरती पर भारत की पहचान बन रही है। अगले पच्चीस साल में भारत नये सफर पर है। आपको एकजुट होकर इस शक्ति का राष्ट्र निर्माण में योगदान देना होगा।उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत पूरी दुनियां को पर‍िवार मानकर काम कर रहा है।

बहुत याद आओगे तुम – सीएम शिवराज
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तीन दिन तक आपका साथ रहा , तीनों दिन कैसे कट गये पता ही नहीं चला। अब मन सोचकर भारी हो रहा है कि आप चले जाओगे। विदाई की बेला आ गई है , इंदौर की यादों को लेकर विदा लेना। जब तुम चले जाओगे तो याद बहुत आओगे और तुम बिन कन्वेंशन सेंटर , राजवाड़ा और पूरा इंदौर सूना-सूना लगेगा। सीएम ने अपने शायराना अंदाज में कहा – सितारों को आंखों में महफूज रखना , बड़ी दूर तक रात ही रात होगी। मुसाफिर हो तुम भी , मुसाफिर हैं हम भी, फिर किसी मोड़ पर मुलाकात होगी। हमारा प्यार दिल में रखकर जाईये और हमें याद रखिये। समारोह को विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी संबोधित किया। मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति , केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर , नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया , एमपी के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे।

कई हस्तियां हुई सम्मानित
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सत्रहवें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के समापन के दौरान महामहिम राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों के 27 प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया। जिनमें प्रो. जगदीश चेन्नुपति आस्ट्रेलिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी/शिक्षा , प्रो. संजीव मेहता भूटान शिक्षा , प्रो. दिलीप लौंडो ब्राज़ील कला और संस्कृति/शिक्षा , डा. अलेक्जेंडर मलाइकेल जॉन ब्रुनेई दारुस्सलाम मेडिशन , डा. वैकुंठम अय्यर लक्ष्मणन कनाडा समाज सेवा , जोगिंदर सिंह निज्जर क्रोएशिया कला और संस्कृति/शिक्षा , प्रो. रामजी प्रसाद डेनमार्क सूचना प्रौद्योगिकी , डा. कन्नन अम्बलम इथियोपिया समाज सेवा , डा. अमल कुमार मुखोपाध्याय जर्मनी समाज सेवा/चिकित्सा , डा. मोहम्मद इरफान अली गुयाना राजनीति/समाजसेवा , रीना विनोद पुष्करणा इजराइल, व्यवसाय/समाजसेवा , डा. मकसूदा सरफी श्योतानी जापान शिक्षा , डा. राजगोपाल मैक्सिको शिक्षा , अमित कैलाश चंद्र लठ, पोलैंड व्यवसाय/समाज सेवा , परमानंद सुखुमल दासवानी कांगो गणराज्य समाजसेवा , पीयूष गुप्ता सिंगापुर व्यवसाय , मोहनलाल हीरा दक्षिण अफ्रीका समाजसेवा , संजयकुमार शिवभाई पटेल दक्षिण सूडान व्यवसाय/समाज सेवा , शिवकुमार नदेसन श्रीलंका समाज सेवा , डा. देवनचंद्रभोज शरमन सूरीनाम समाजसेवा , डा. अर्चना शर्मा स्विटजरलैंड विज्ञान प्रौद्योगिकी ,
न्यायमूर्ति फ्रैंक आर्थर सीपरसाद त्रिनिदाद और टोबैगो, समाजसेवा/शिक्षा , सिद्धार्थ बालचंद्रन संयुक्त अरब अमीरात व्यवसाय/समाज सेवा , चंद्रकांत बाबूभाई पटेल यूके मीडिया , डा. दर्शन सिंह धालीवाल अमेरिका व्यवसाय/समाज सेवा , राजेश सुब्रमण्यम अमेरिका व्यवसाय और अशोक कुमार तिवारी उज़्बेकिस्तान, व्यवसाय शामिल हैं।

राष्ट्रपति को सौंपा गोल्डन पेंटिंग
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जयपुर के चांदमल कुमरावत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की एक पेंटिंग इंदौर आगमन पर उन्हें भेंट की। चांद अब तक आठ राष्ट्रपतियों को इस तरह की पेंटिंग बना कर दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस पेंटिंग में ऑयल कलर के अलावा गोल्डन कलर और वर्क का भी इस्तेमाल हुआ है। सात ग्राम गोल्ड का कलर तैयार कर राष्ट्रपति के चश्मे की फ्रेम और आभूषण बनाये गये हैं। चांद इस पेंटिंग को जयपुर से बना कर लाये थे और इंदौर में उसे नक्काशीदार  लकड़ी में फ्रेम करवाया। इंदौर आगमन के दौरान राष्ट्रपति को यह पेंटिंग चांद कुमरावत ने भेंट की। उनके द्वारा बनाई के साथ कई मेहमानों ने फोटो भी खिंचवाई।

सीएम ने प्रवासी भारतीयों के साथ लगाया रुद्राक्ष का पौधा
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर आये प्रवासी भारतीयों एवं अतिथियों के साथ नमो ग्लोबल गार्डन में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। प्रवासी भारतीयों द्वारा रोपे गये पौधे की जियो टैगिंग कर उन्हें बारकोड भी प्रदान किये गये हैं। इस बारकोड के माध्यम से प्रवासी भारतीय रोपे गये पौधों की देखरेख की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस दौरान कुवैत , न्यूजीलैंड , यूएई , यूएसए , श्रीलंका , मलेशिया , कनाडा , ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के प्रवासी भारतीय उपस्थित थे।

Ravi sharma

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