पटना-प्रथम एजुकेशन फाऊंडेशन ने इस कोरोना संकट काल की घड़ी मे शिक्षा के क्षेत्र मे अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं.संस्था ने डिजिटल माध्यम का प्रयोग कर बच्चों को उनकी माताओं के माध्यम से खेल और उम्र आधारित शिक्षा से जोड़े रखा है.
जिससें बच्चों की पढ़ाई बाधित नही हो पाई हैं.आंगनबाड़ी और स्कुल के बन्द रहने के कारण माताओं और घर के सदस्य ही बच्चों के शिक्षक बन उन्हें पढ़ाई से जोड़े हुए है और घर आंगन उनकी पाठशाला बनी हुई है. जिसमे प्रथम संस्था साप्ताहिक गतिविधियों के पैकेज को स्मार्ट्फ़ोन से कोरोना थोडी मस्ती ,थोड़ी पढ़ाई, घर आँगन में,अपने परिवार में तथा एस एम एस और ज़ूम क्लास के जरिये उन्हें मार्गदर्शन करने मे पूरे सामर्थ से लगी हुई है.
इसी कड़ी मे आज बच्चो ने डिजिटल माध्यम से एक उत्सव की तरह 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया.बच्चों ने बालगीत गाया एवम चित्रांकन किया और अपने शिक्षक को याद किया और जल्द से जल्द स्थिति ठीक होने और अपने शिक्षकों से मिलने की कामना की.
बच्चों ने अपनी माँ को शिक्षक दिवस के अवसर पर ग्रीटिंग कार्ड दिया जो अभी वर्तमान परिस्थिति मे अपनी शिक्षक कि भूमिका गतिविधी कराने मे बखुबी निभा रही है.
इस सप्ताह बच्चो ने मनोरंजक कहानी, बालगीत,पहेलियों के साथ अंक ,अक्षर ,आस पास की दुनिया को समझने के साथ ही प्रोजेक्ट वर्क मे संतुलित खिलौने ,मुर्गी का परिवार कागज की मदद से बनाया जिसमें माता और स्वंसेविका ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
कार्यक्रम के सफ़ल संचालन मे संस्था के कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार पाण्डेय , एस आर जी़ ,सहचर एवम प्रथम के सदस्यों की मह्त्वपूर्ण भुमिका रही.