प्रकृति के साथ मिलकर जीवनशैली प्रेरणादायी – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – कोरोना अभी गया नहीं है , हमें अभी भी सावधान रहने की जरूरत है। हमारे देश में अनेक राज्य हैं , अनेक क्षेत्र है जहां के लोगों ने अपनी प्राकृतिक विरासत के रंगों को संजोकर रखा है। इन लोगों ने प्रकृति के साथ मिलकर रहने की जीवनशैली आज भी जीवित रखी है , ये हम सबके लिये भी प्रेरणा है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 83 वां एपिसोड के जरिये देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। इस दौरान पीएम मोदी ने आयुष्मान योजना से लेकर स्टार्टअप और पर्यावरण से लेकश्र आजादी के अमृत महोत्सव पर चर्चा करते हुये शहीदों को नमन किया। प्रधानमंत्री द्वारा हर माह के अंतिम रविवार को संबोधित किये जाने वाले इस कार्यक्रम का प्रसारण आल इंडिया रेडियो , दूरदर्शन , आल इंडिया रेडियो न्यूज और मोबाइल एप पर भी किया गया। पीएम ने आगे कहा कि जब हम प्रकृति का संरक्षण करते हैं तो बदले में प्रकृति हमें भी संरक्षण और सुरक्षा देती है। प्रकृति से हमारे लिये खतरा तभी पैदा होता है जब हम उसके संतुलन को बिगाड़ते हैं या उसकी पवित्रता नष्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति मां की तरह हमारा पालन भी करती है और हमारी दुनियां में नये-नये रंग भी भरती है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में झांसी और बुंदेलखंड का कितना बड़ा योगदान है , ये हम सब जानते हैं। यहां रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई जैसी वीरांगनायें भी हुईं और मेजर ध्यानचंद जैसे खेल रत्न भी इस क्षेत्र ने देश को दिये हैं। पीएम ने कहा वीरता केवल युद्ध के मैदान में ही दिखायी जाये ऐसा ज़रूरी नहीं होता। जब वीरता का विस्तार होता है तो हर क्षेत्र में अनेकों कार्य सिद्ध होने लगते हैं। दिसम्बर महीने में ही एक और बड़ा दिन हमारे सामने आता है जिससे हम प्रेरणा लेते हैं। ये दिन है छह दिसम्बर को बाबा साहब अम्बेडकर की पुण्यतिथि। बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन देश और समाज के लिये अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिये समर्पित किया था। उन्होंने कहा सरकार के प्रयासों से , सरकार की योजनाओं से कैसे कोई जीवन बदला ? उस बदले हुये जीवन का अनुभव क्या है? जब ये सुनते हैं तो हम भी संवेदनाओं से भर जाते हैं। यह मन को संतोष भी देता है और उस योजना को लोगों तक पहुंचाने की प्रेरणा भी देता है। पीएम ने युवाओं को संबोधित करते हुये कहा
कि युवाओं से समृद्ध हर देश में तीन चीजें बहुत मायने रखती हैं। पहली चीज है- आइडिया और इनोवेशन। दूसरी है- जोखिम लेने का जज्बा। तीसरी है- Can Do Spirit , यानि किसी भी काम को पूरा करने की जिद्द। जब ये तीन चीजें आपस में मिलती हैं तो अभूतपूर्व परिणाम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज भी सत्ता में नहीं हूं और भविष्य में भी सत्ता में जाना नहीं चाहता हूं। मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूं। मेरे लिये ये पद , सत्ता के लिये है ही नहीं , सेवा के लिये है।दिसंबर महीने नेवी डे और आर्म्ड फोर्स फ्लैग डे भी देश मनाता है। हम सबको मालूम है 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध का स्वर्णिम जयन्ती वर्ष भी देश मना रहा है। मैं इन सभी अवसरों पर देश के सुरक्षा बलों का स्मरण करता हूं , हमारे वीरों का स्मरण करता हूं। अमृत महोत्सव , सीखने के साथ ही हमें देश के लिये कुछ करने की भी प्रेरणा देता है , अब तो देश-भर में आम लोग हों या सरकारें , पंचायत से लेकर संसद तक, अमृत महोत्सव की गूंज है और लगातार इस महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों का सिलसिला चल रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि वृंदावन के बारे में कहा जाता है कि ये भगवान के प्रेम का प्रत्यक्ष स्वरूप है। हमारे संतों ने भी कहा है – यह आसा धरि चित्त में , कहत जथा मति मोर। वृंदावन सुख रंग कौ , काहु न पायौ और। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी में अपने जनजातीय समुदाय के योगदान को देखते हुये देश ने जनजातीय गौरव सप्ताह भी मनाया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इससे जुड़े कार्यक्रम भी हुये।अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में जारवा और ओंगे , ऐसे जनजातीय समुदायों के लोगों ने अपनी संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया। पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्टअप्स के जरिये भारतीय युवा ग्लोबल प्रॉब्लम्स के समाधान में भी अपना योगदान दे रहे हैं। स्टार्टअप की सफलता के कारण हर किसी का उस पर ध्यान गया है और जिस प्रकार से देश से , विदेश से , निवेशकों से उसे समर्थन मिल रहा है। शायद कुछ साल पहले उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा आयुष्मान भारत योजना , ये गरीबों के लिये है , मध्यम वर्ग के लिये है , सामान्य परिवारों के लिये है…हमारे जीवन में सबसे बड़ा सुख हमारा स्वास्थ्य ही होता है , ये सुखी जीवन सबको मिले यही आयुष्मान भारत की भावना है। उन्होंने कहा ये हमारे देश के युवाओं का ये सामर्थ्य ही है कि कोई भी बड़ी चुनौती उठा लेते हैं और रास्ते खोज रहें हैं! जहाँ अब लोग सिर्फ JOB SEEKERS (नौकरी खोजने वाले)बनने का सपना नहीं देख रहे बल्कि JOB CREATORS (नौकरी देने वाले) भी बन रहे हैं। इससे विश्व मंच पर भारत की स्थिति और मज़बूत बनेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा अब हम दिसम्बर महीने में प्रवेश कर रहे हैं , स्वाभाविक है अगली ‘मन की बात’ 2021 की इस वर्ष की आखिरी ‘मन की बात’ होगी। वर्ष 2022 में फिर से यात्रा शुरू करेंगे और मैं हाँ आपसे ढ़ेर सारे सुझावों की अपेक्षा करता ही रहता हूं , करता रहूंगा।

Ravi sharma

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