पुरी के अतिरिक्त उड़ीसा के अन्य क्षेत्रों में रथयात्रा की अनुमति नहीं – सुप्रीम कोर्ट

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुये इस साल जगन्नाथधाम पुरी के अलावा ओड़िशा में और कहीं भी रथयात्रा नहीं निकाली जायेंगी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जगन्नाथपुरी मंदिर को छोड़कर अन्य हिस्सों में किसी भी मंदिर में रथयात्रा पर रोक लगाने के ओड़िशा सरकार के आदेश में हस्तक्षेप करने से साफ इंकार करते हुये ओड़िशा सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली सभी छह याचिकाओं को भी खारिज कर दिया। यानि अब पुरी के जगन्नाथ मंदिर के अलावा कहीं भी रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं होगी। कोरोना की वजह से राज्य सरकार ने सिर्फ पुरी जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा की अनुमति दी है। इसके अलावा पुरी मंदिर को भी बेहद प्रतिबंधित यात्रा करने का आदेश दिया है। ओड़िशा सरकार के आदेश में हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर वकील जितेंद्र महापात्र ने कहा कि जगन्नाथपुरी मंदिर पुरी की तरह अन्य जगहों में भी रथयात्रा की अनुमति दी जानी चाहिये। याचिकाकर्ता के वकील एके श्रीवास्तव ने कहा कि मंदिर के इतिहास में पहली बार हमें पिछले साल धार्मिक अनुष्ठान करने के अधिकार से वंचित किया गया था , इस साल हमने पाबंदियों के मुताबिक तैयारी की है। हम अपने मंदिर में रथ यात्रा करना चाहते हैं , ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को अपने पुराने फैसले में थोड़ा बदलाव करके कोरोना नियमों का पालन करने की शर्तों के साथ रथयात्रा की इजाजत देनी चाहिये , जिससे स्वास्थ्य और धार्मिक मान्यताओं दोनो को ही बचाया जा सके। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एन०वी० रमना ने कहा कि सरकार ने कोविड की स्थिति का मूल्यांकन किया है , दखल देने का सवाल ही नहीं है। आप भगवान की प्रार्थना घर से भी कर सकते हैं , स्थितियां ऐसी नही है कि आप ओड़िशा जाकर ही प्रार्थना करें। ऐसा करना मुझे अच्छा तो नहीं लग रहा है , मगर हम लाचार हैं जिससे कोई मदद नहीं कर सकते। उन्होंने उम्मीद की है कि भगवान अगले साल सभी लोगों को रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति देंगे , तब तक टीवी पर देखिये। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुये ओड़िशा सरकार के आदेश से सहमत है। यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुये ओड़िशा सरकार ने पिछले साल की ही तरह इस साल भी पुरी के अलावा अन्य कहीं भी रथयात्रा के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। सरकार के निर्णय का विभिन्न जगहों पर विरोध हुआ और फिर मामला ओड़िशा हाईकोर्ट में पहुंचा। मामला खारिज हो जाने के बाद आवेदनकारियों ने हाईकोर्ट की राय को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी। केन्द्रापड़ा , बारीपदा , नीलगिरी एवं भटली आदि जगहों पर रथयात्रा आयोजन के लिये अनुमति देने हेतु सुप्रीमकोर्ट में एकाधिक मामले दायर किये गये थे , जिसे अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया है।

Ravi sharma

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