पटना-बिहार सरकार कैबिनेट के तथाकथित फैसले के मुताबिक त्रिस्तरीय एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों का कार्यकाल विस्तार नहीं होगा.इसके लिए परामर्श दात्री समिति बनाए जाएंगे.सरकार के इस कदम पर पंच-सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने कड़ी आपत्ति जताई है.
श्री निराला ने कहा कि सरकार के मंसूबों से साफ जाहिर होता है कि बिहार सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजतंत्र स्थापित करने जैसा फैसला है.पंचायतों की चाबी प्रशासनिक पदाधिकारी के हाथों मे देना न्याय संगत प्रतित नहीं हो रहा है.सरकार को यह विचार करना चाहिए कि आपातकाल के समय भी लोकसभा सदस्यों को कार्यकाल विस्तार मिला था.तो हम ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधि भी उसी जनता के वोट से चुनाव जीतकर आए हैं तो फिर हमें क्यो नहीं.राज्य सरकार एक गहरी साजिश के तहत पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त करने में लगी है जो अत्यंत दुखदाई है.इस फैसले के पूर्व ही त्रिस्तरीय एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के संघ ने निर्णय लिया था कि सरकार अगर कार्यकाल विस्तार नहीं करती है तो हम सब प्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र के जनता जनार्दन से विचार कर चरणबद्ध तरीकों से इस फैसले के विरोध मे चक्का जाम आंदोलन चलाएंगे और इस फैसले पर हम सभी जनप्रतिनिधि अडिग है और रहेंगे.हम सब लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को कायम रखने के लिए मरते दम तक संघर्ष करेंगे.बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने कहा कि मा० मुख्यमंत्री अपने फैसले पर पुन: विचार करे और सूबे के सभी मुखिया, जिला परिषद, पंचायत समिति, सरपंच,पंच एवं वार्ड सदस्य का कार्यकाल विस्तारित करें या सभी पंचायत प्रतिनिधियों के संघ से वार्ता समन्वय स्थापित कर प्रतिनिधि एवं जनता जनार्दन के हित में स्वच्छ पारदर्शी निर्णय ले.
समय पर पंचायत चुनाव नहीं कराना सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की कमी है.कोरोना काल में ही बिहार,बंगाल सहित अन्य राज्यों में विधानसभा तथा उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव संपन्न कराए गए हैं जो सर्व विदित है.हम पंचायत प्रतिनिधियों के सब्र कि परीक्षा लेना शासन-प्रशासन बंद करें अन्यथा हम अपने फैसले पर अमल करने के लिए बाध्य होगें.