दादी हृदयमोहिनी पंचतत्व में विलीन-माऊंट आबू

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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माऊंट आबू – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। उनका अंतिम संस्कार ब्रह्माकुमारीका संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय आबूरोड स्थित शांतिवन में किया गया। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी , महासचिव बीके निर्वैर और दादीजी की निजी सचिव बीके नीलू बहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। गौरतलब है कि दादी हृदयमोहिनी ने 11 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन मुंबई के सैफी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली थी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस से शांतिवन लाया गया, जहां देश-विदेश से आने वाले लोगों के अंतिम दर्शन के लिये रखा गया। हजारों की संख्या में मौजूद ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये दादीजी की शिक्षाओं को जीवन में उतारने, उनके बताये कदमों पर चलने और उनके समान योग-साधना कर खुद को परिपक्व बनाने का संकल्प किया। दादी की पार्थिव देह को देश-विदेश से आने वाले लोगों के अंतिम दर्शन के लिये शांतिवन के ही कॉन्फ्रेंस हॉल में रखा गया था। उनकी अंतिम यात्रा के दौरान ओम धुन का जाप करते हुये हजारों भाई-बहन पीछे चल रहे थे। अंतिम संस्कार के दौरान संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृहमंत्री अमित शाह , भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी , छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल , मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्यपाल कलराज मिश्र के द्वारा भेजे गये शोक संदेश को पढकऱ सुनाया। इस मौके पर संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन , प्रबंधिका बीके मुन्नी बहन , मुंबई गामदेवी की बीके नेहा बहन , ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर बीके प्रताप मिड्ढा , बीके बनारसी लाल शाह ने भी दादी के साथ के अपने अनुभव बताते हुये श्रद्धांजली अर्पित की। साथ ही स्थानीय विधायक जगसीराम कोली, समाराम गरासिया, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष सुरेश कोठारी, हरीश चौधरी, पूर्व पालिका चेयरमैन सुरेश सिंदल समेत कई लोगों ने भी पुष्पांजलि दी। ब्रह्माकुमारिका से देश-विदेश में जुड़े 12 लाख भाई-बहनों और 46 हजार समर्पित ब्रह्माकुमारी बहनों की दादी आदर्श थीं। अस्वस्थ होने के बाद भी दादी अंतिम समय तक लोगों के लिये प्रेरित करतीं रहीं। दादीजी के देवलोकगमन के बाद से ब्रह्माकुमारी का संस्थान के देश-विदेश में स्थित सेवा केंद्रों पर अखंड योग-साधना का दौर जारी है। सभी योग के माध्यम से दादीजी को श्रद्धांजली अर्पित कर रहे हैं। मुंबई में दादी के देवलोकगमन की सूचना के बाद से ही शांतिवन में योग-साधना शुरू हो गई।

Ravi sharma

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