अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर — राज्य सरकार ने प्रदेश में तीन साल पहले नियुक्त आवास मित्रों को नौकरी से बाहर करने का आदेश दिया है। पंचायत विभाग ने ये आदेश सभी जिला पंचायत सीईओ को जारी किया है। इस फैसले से आवास मित्रों को काफी झटका लगा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 100 पीएम आवास की देखरेख के लिये आवास मित्र को नियुक्त किया था। आवास मित्र का काम सिर्फ निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर नजर रखने, बल्कि निर्माणकर्ता को तकनीकी जानकारी देने और प्रोग्रेस वर्क की रिपोर्ट देने की थी। ये नियुक्ति जिला पंचायत की तरफ से की जाती थी।
राज्य सरकार का कहना है कि पिछले तीन सालों में इस योजना का व्यापक प्रचार हो चुका है अब खुद से लोग अब इस योजना का लाभ लेने लगे हैं। यही नहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने प्रशासकीय मद की राशि को 4 प्रतिशत की जगह पर 1.70 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसकी वजह से आवास मित्रों के मानदेय के भुगतान में दिक्कतें आ सकती है। राज्य सरकार ने आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुये सभी आवास मित्रों की सेवाओं समाप्त कर दी है।