गौसेवा हमारा कर्तव्य — सीएम बघेल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर — गौ सेवा हमारे लिये कोई नारा नहीं , बल्कि हमारा परम कर्तव्य है। छत्तीसगढ़ में गौ संरक्षण और संवर्धन का काम किसानों के जीवन में बदलाव लाने की मुहिम का एक हिस्सा है। राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत नरवा , गरूवा , घुरवा , बाड़ी , गौठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के माध्यम से इस दिशा में प्रभावी पहल की है। बीते ढाई वर्षों में छत्तीसगढ़ में गोधन संरक्षण और संवर्धन की दिशा में जो उल्लेखनीय कार्य हुये हैं , वे आज पूरे देश के लिये उदाहरण बन चुके हैं।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से बीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि मशीनीकरण के दौर में कृषि और पशुपालन के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। लेकिन राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना , गोधन न्याय योजना और रोका-छेका अभियान जैसे कदमों से इस दूरी को कम करने का प्रयास किया है। कृषि और पशुपालन की ओर लोगों की रूचि बढ़ी है।छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जहां दो रूपये किलो में गोबर की खरीदी हो रही हैं। इस योजना में किसानों , पशुपालकों और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन में लगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिये आय का नया जरिया खोल दिया है , इससे डेयरी व्यवसाय को भी नया जीवन मिला है। गौठानों में पशुओं के लिये चारे और पानी की व्यवस्था की गई है , साथ ही यहां पशुओं के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल भी हो रही है। रोका-छेका की पुरानी परम्परा को लेकर गांवों में जागृति आयी है , अब खुले में घुमने वाले पशु कम ही दिखते हैं। सीएम ने आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष मन्नालाल यादव , सदस्य अटल यादव , शेखर त्रिपाठी , नरेन्द्र यादव , पुरूषोत्तम साहू और प्रशांत मिश्रा को बधाई और शुभाकामनायें देते हुये कहा कि उन्हें गौ सेवा की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है , वे अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी से निभायें। सीएम बघेल ने बताया कि प्रदेश में दस हजार गोठानों में स्वीकृति दी गई है जिनमें से लगभग पांच हजार गोठानों चारागाह के लिये भूमि आरक्षित की जा चुकी है। इनमें से लगभग 3800 गौठानों में चारा उत्पादन का काम किया जा रहा है। गोठानों में गर्मियों में पशुओं के लिये चारा उपलब्ध कराने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाये और साईलेज बनाकर चारे को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाये। सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप कार्य किया जाये तो यह नरवा , गरूवा , घुरवा , बाड़ी और गोधन योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे , छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और कार्यक्रम स्थल पर खाद मंत्री अमरजीत भगत , विधायक मोहित राम केरकेट्टा और श्रीमती उत्तरी जांगड़े , छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

Ravi sharma

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