गौठान तेजी से बन रहे स्वावलंबी – सीएम बघेल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – गौठान और गोधन न्याय योजना का सीधा संबंध खेती से है। यह व्यवस्था जितनी मजबूत होगी हमारी खेती-किसानी और किसान उतने ही समृद्ध होंगे। गोधन न्याय योजना को शुरु किये अभी एक साल भी नहीं हुआ है और हमारे गौठान तेजी से स्वावलंबी बन रहे हैं जो अपने आय से स्वयं गोबर खरीद रहे हैं। छग सरकार द्वारा शुरू की गई सुराजी गांव योजना और गोधन न्याय योजना से गांव और ग्रामीणों के जीवन में एक नया बदलाव दिखायी पड़ने लगा है। इन योजनाओं से ग्रामीणों और किसानों को सम्बल मिला है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये संजीवनी साबित हो रही है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत राशि अंतरण के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मजबूत और स्वावलंबी गांवों का जो सपना देखा था , उनका वह सपना आज छत्तीसगढ़ में साकार हो रहा हैै। छत्तीसगढ़ के गांव आज स्वावलंबन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।सीएम ने इस मौके पर गोधन न्याय योजना के तहत कुल 09.83 करोड़ रूपये की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया। जिसमें गोबर विक्रेताओं को 48 लाख रूपये तथा गौठान समितियों व महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 09.35 करोड़ रूपये की राशि शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के पशुपालक किसानों, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को बधाई और शुभकामनायें देते हुये कहा हमारे लिये यह बेहद खुशी की बात है कि गौठान अब तेजी से स्वावलंबी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से हमारे 1160 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन करने लगे हैं। उन्होंने इस मौके पर राज्य के किसान भाईयों से राज्य में संचालित पशुओं के रोका-छेका अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने और गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उपयोग खेतों में करने की अपील की। उन्होंने गौठानों में पशुओं के हरे चारे की व्यवस्था के लिये चारागाह में नेपियर घास लगाने का भी आव्हान किया।कार्यक्रम में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू , मुख्य सचिव अमिताभ जैन , मुख्यमंत्री के अपर सचिव सुब्रत साहू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना एक महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना की प्रशंसा पार्लियामेंट की स्वच्छ भारत मिशन कमेटी एवं जैविक खाद कमेटी ने की है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 48.56 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। इससे लगभग 19 लाख क्विंटल वर्मी और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन संभावित है जो कि क्रय गोबर की मात्रा का लगभग 40 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अब तक आठ लाख क्विंटल वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट गौठानों में तैयार हो चुका है। आज की स्थिति में 60 हजार भरे टाकों से वर्मी कम्पोस्ट की छनाई और पैकेजिंग का काम चल रहा हैं। अब तक 40 करोड़ रूपये की वर्मी कम्पोस्ट बिक चुकी है। उन्होंने कहा कि गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को इस योजना के तहत लाभांश के रूप में लगभग 29 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। गौठानों से जुड़े स्व-सहायता समूह की 85 हजार से अधिक ग्रामीण महिलायें वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पादों का निर्माण व आय मूलक गतिविधियों का संचालन कर अब तक 43.49 करोड़ रूपये की आय अर्जित कर चुकी है। उन्होंने कहा कि समूहों की आय और उनके लाभांश की राशि से ज्यादा महत्वपूर्ण महिलाओं का आत्मविश्वास और उनकी आत्मनिर्भरता है। यह छत्तीसगढ़ राज्य के लिये एक बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से गोधन न्याय योजना की अब तक उपलब्धि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में 10,080 गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी गई है जिसमें से 5847 गौठान निर्मित और सक्रिय हो चुकेे हैं। इस योजना के तहत गोबर विक्रेताओं , गौठान समितियों एवं वर्मी कम्पोस्ट बनाने वाली महिला समूहों को कुल 125 करोड़ 97 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। जिसका सीधा लाभ एक लाख 70 हजार से अधिक पशुपालक किसानों , अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों , महिलाओं एवं भूमिहीन को मिला है। उन्होंने प्रदेश में रोका-छेका और पशु नस्ल सुधार के लिये संचालित कार्यक्रम की प्रगति की जानकारी भी दी।

Ravi sharma

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