गणेशोत्सव के लिये 26 बिन्दुओं में जारी हुआ गाइडलाइन-रायपुर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर — जिला प्रशासन ने गणेशोत्सव को लेकर 26 बिंदुओं में गाइडलाइन जारी किया है। जिला प्रशासन ने निर्देश में कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए आगामी माह में जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि की संभावना है। जिसे रोकने एवं नियंत्रण में रखने हेतु सभी संबंधित उपाय अमल लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक मूर्ति की उंचाई और चौड़ाई 4×4 फिट से अधिक ना हो , मूर्ति स्थापना वाले पांडाल का आकार 15X15 फिट से अधिक ना हो , पांडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह हो , पांडाल और सामने 5000 वर्गफिट की खुली जगह में कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित ना हो , पांडाल के सामने दर्शको के बैठने के लिये पृथक से पंडाल ना हो , इसके अलावा दर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिये कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी एक समय में पंडाल या सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक ना हो , मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन के लिये आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाइल नबंर दर्ज किया जायेगा , ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति चार सीसीटीवी लगायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन या पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा ,  ऐसा पाये जाने पर संबधित और समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति द्वारा सैनेटाइजर थर्मल स्क्रिनिंग , ऑक्सीमीटर , हेंडवाश और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने , कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति या समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन और प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है , तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति या समिति की होगी। कन्टेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी , यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है , तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय या विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के भोज , भंडारा , जगराता और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी।मूर्ति स्थापना के समय स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय और विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र , ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना औऱ विसर्जन के दौरान प्रसाद , चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये पिकअप , टाटाएस (छोटाहाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा , झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये चार से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे और वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेगे , पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये प्रयुक्त वाहन पांडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिये नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग , तिथि और समय का पालन करना होगा , शहर के व्यस्त मार्गो से मर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी , सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे। विसर्जन के मार्ग में कही भी स्वागत , भंडारा , प्रसाद वितरण पांडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। इन शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यदि घर से बाहर मुर्ति स्थापित किया जाता है , तो कम से कम सात दिवस पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा , अनुमति प्राप्त होने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। इन सभी शर्तो के अतिरिक्त केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा समय समय पर जारी निर्देश-आदेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा।

Ravi sharma

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