एन० बीरेन सिंह लगातार दूसरी बार बने मणिपुर के मुख्यमंत्री

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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इम्फाल – एन० बीरेन सिंह ने इंफाल में जेपी नड्डा , त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब और अन्य भाजपा नेताओं की उपस्थिति में दूसरी बार मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उन्हें राजभवन में महामहिम राज्यपाल एल० गणेशन ने शपथ दिलायी। कई दिनों तक चली चर्चा के बाद हाईकमान ने आखिरकार बिरेन सिंह पर ही भरोसा जताया। सीएम के अलावा नेमचा किपजेन , वाई. खेमचंद सिंह , बिस्वजीत सिंह , अवंगबौ न्यूमाई और गोविंदास कोंथौजम ने भी कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली।

पीएम मोदी ने दी बधाई
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर एन० बीरेन सिंह को बधाई दी है। उन्होंन ट्वीट कर कहा कि मुझे विश्वास है कि उनकी टीम मणिपुर को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जायेगी और मुख्यमंत्री के रूप में बीरेन सिंह पिछले पांच वर्षों में किये गये अच्छे काम को जारी रखेंगे।

भ्रष्टाचार मुक्त राज्य पहली प्राथमिकता – सीएम सिंह
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शपथ लेने के बाद सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि मेरी सरकार का पहला कदम इसे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना होगा। मैं राज्य से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये दिन-रात काम करूंगा। अगला कदम यह होगा कि राज्य से किसी भी तरह के मादक पदार्थ संबंधी मामले को खत्म किया जाये। तीसरा मैं यह देखने की कोशिश करूंगा कि राज्य में सक्रिय सभी विद्रोहियों को बातचीत की मेज पर लाया जाये और संवाद हों , ये तीनों मेरे प्राथमिक कर्तव्य होंगे।

खिलाड़ी से सीएम तक का सफर
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गौरतलब है कि एन० बीरेन सिंह ने अपने केरियर की शुरुआत बतौर फुटबॉल खिलाड़ी की थी , इसके बाद वे बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में शामिल हो गये। बाद में बीएसएफ छोड़ने के बाद बीरेन सिंह पत्रकारिता से जुड़कर नाहरोल्गी थडांग नाम का अखबार वर्ष 1992 में शुरू किया और वर्ष 2001 तक इसके संपादक रहे। इसके बाद वर्ष 2002 में बीरेन सिंह ने राजनीति में कदम रखा , वे डेमोक्रेटिक रेवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बनें। इन्होंने पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया और वर्ष 2003 में राज्य की तत्कालीन ओकराम इबोबी सिंह नीत सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री बनकर वन तथा पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सम्हाला। सिंह इस सरकार में इबोबी सिंह के विश्वासपात्र बने और वर्ष 2007 में फिर से निर्वाचित होने के बाद सिंचाई और खाद्य नियंत्रण , युवा मामलों और खेल तथा उपभोक्ता मामलों और जनापूर्ति विभाग के मंत्री बने। बीरेन सिंह वर्ष 2012 में तीसरी बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे लेकिन इबोबी सिंह से उनका रिश्ता बिगड़ गया था और उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खिलाफ विद्रोह कर दिया। बाद में उन्होंने मणिपुर विधानसभा की सदस्यता और मणिपुर प्रदेश कांग्रेस समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अक्टूबर 2016 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। वर्ष 2017 में वह भाजपा के टिकट पर रिकॉर्ड चौथी बार हेईगांग सीट से निर्वाचित हुये। भाजपा ने वर्ष 2017 के चुनाव में केवल 21 सीट हासिल की थी , लेकिन वह दूसरी पार्टी के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रही जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गई और बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार 15 मार्च 2017 को भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।

Ravi sharma

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