एनडीपीएस एक्ट की प्रक्रिया एवं महत्वपूर्ण प्रावधानों पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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बिलासपुर – पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार ड्रग कानून प्रवर्तन के प्रदर्शन , प्रभावशीलता एवं समझ को बेहतर बनाने बिलासपुर रेंज के जिलों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये आज एनडीपीएस एक्ट की प्रक्रिया एवं महत्वपूर्ण प्रावधानों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन का शुभारंभ बद्री नारायण मीणा भापुसे पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज – बिलासपुर एवं श्रीमती पारूल माथुर उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर की गरिमामयी उपस्थिति में जल संसाधन परिसर स्थित ‘‘प्रार्थना सभा भवन’’ में सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला में रेंज के जिलों से नामांकित 08 राजपत्रित अधिकारियों सहित विवेचक स्तर के 80 पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुये। कार्यशाला में एन०सी०बी. इन्दौर मध्यप्रदेश के आई०ओ० रामखिलाड़ी मीणा एवं संयुक्त संचालक अभियोजन जांजगीर-चांपा माखन लाल पाण्डेय द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया।

श्रीमती पारूल माथुर उमनि/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा प्रारंभिक उद्बोधन में कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि स्वापक पदार्थ एवं मनःप्रभावी अधिनियम 1985 के तहत मामलों में अपराधी को सजा दिलाया जाना पुलिस विभाग के लिये ही नहीं अपितु समाज के लिये भी एक चुनौती है। अपराधी को सजा हो इसके लिये आवश्यक है विवेचना उच्च स्तर की हो , प्रक्रियाओं में किसी प्रकार की खामी ना हो। न्यायालय में अपराधी को सजा दिलाये जाने की सफलता के लिये आवश्यक है कि पूरी कार्यवाही पारदर्शी एवं विधिक प्रावधान अनुरूप किया जाना चाहिये। पुलिस महानिरीक्षक बद्री नारायण मीणा द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि कार्यशाला के आयोजन को समझने के लिये आवश्यक है कि जब कोई व्यक्ति नशे में लिप्त होता है तो उसका दुष्प्रभाव परिवार , समाज पर पड़ता है तथा वह अपराध में लिप्त हो जाता है , इन स्थितियों पर विचार करना सभी का दायित्व है। इस अधिनियम के तहत सबूत का भार आरोपी पक्ष पर है कि वो अपने को निर्दोष सिद्ध करें। एनडीपीएस एक्ट की प्रक्रिया को पुलिस अधिकारी जटिल समझते हैं , जबकि अधिनियम में ही विवेचना के प्रत्येक कड़ी के प्रावधान निहित हैं जिसे इस तरह की कार्यशाला के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है। अधिनियम के तहत मामलों में दोषमुक्ति के कारणों पर प्रकाश डालते हुये आईजी मीणा ने बताया कि इसका मूलभूत कारण है कि विवेचक अधिनियम का अध्ययन नहीं करते जिससे विवेचना के दौरान प्रक्रियात्मक त्रुटि करते हैं जिसका लाभ आरोपी को प्राप्त होता है। इस व्यापार में संलिप्त सभी व्यक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही किया जाना चाहिये। अवैध व्यापार से अर्जित परिसंपत्तियों का पता लगाकर उसकी कुर्की की कार्यवाही किया जाना चाहिये। एन०सी०बी०इन्दौर से कार्यशाला में प्रशिक्षण देने पहुंचे रामखिलाड़ी मीणा आई०ओ० द्वारा कार्यशाला के प्रशिक्षण सत्र का आरंभ किया गया जिसमें उनके द्वारा एनडीपीएस एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई आसूचना , प्रवर्तन और समन्वय के अनुसार कार्य करते हुये नशीले पदार्थो की आपूर्ति में कमी लाने की गुर बताये गये। नारकोटिक्स ड्रग्स एवं सायकोट्रापिक पदार्थों की पहचान , ड्रग डिटेक्शन में नवीनतम उपकरणों एवं फिल्ड टेस्ट किट का उपयोग तथा ड्रग से अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति की वित्तीय जॉंच एवं इसकी जप्ती की कार्यवाही की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी गई। वहीं माखन लाल पाण्डेय संयुक्त संचालक , अभियोजन द्वारा एन०डी०पी०एस० एक्ट के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाही में होने वाली प्रक्रियात्मक त्रुटियों को समझाया गया। एनडीपीएस मामलों की केस स्टडी के साथ इसमें आरोपियों के दोषमुक्त होने के कारणों को प्रकट करते हुये एनडीपीएस एक्ट के साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता की कार्यवाही को भी समझाया गया। इस अधिनियम के तहत समय-समय पर माननीय न्यायालयों के महत्वपूर्ण निर्णयों पर चर्चा करते हुये एनडीपीएस की प्रक्रिया एवं उसके निराकरण के संबंध में नवीनतम् दिशा निर्देशों एवं नियमों से अवगत कराया गया। कार्यशाला का समापन श्रीमती दीपमाला कश्यप अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज द्वारा बिलासपुर रेंज में विगत वर्षों में हुये दोषमुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा कर विवेचकों द्वारा की गई त्रुटियों के बारे में अवगत कराया गया। श्रीमती अर्चना झा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित अधिकारियों का आभार व्यक्त किया गया। पुलिस महानिरीक्षक मीणा द्वारा प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस कार्यशाला प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) बिलासपुर राजेन्द्र जायसवाल , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही श्रीमती अर्चना झा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुंगेली श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बिलासपुर राहुल देव शर्मा , संदीप कुमार पटेल (भापुसे) नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन बिलासपुर , नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा विश्वदीपक त्रिपाठी , उप पुलिस अधीक्षक (बाल अपराध अन्वेषण इकाई) जांजगीर-चांपा चंद्रशेखर परमा , उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) सक्ती श्रीमती अंजली गुप्ता , उप पुलिस अधीक्षक (लाईन) बिलासपुर श्रीमती मंजूलता केरकेट्टा उपस्थित रहे।

Ravi sharma

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